चौँक

चौँक के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

चौँक के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वह चंचलता जो भय, आश्चर्य या पीडा के सहसा उपस्थित होने पर हो जाती है, एकाएक डर जाने या आश्चर्य में पड जाने के कारण शरीर का झटके के साथ हिल उठना और चित्त का उचट जाना, झिझक, भडक, क्रि॰ प्र॰—उठना, —जाना, —पडना

चौँक के अंगिका अर्थ

चौंक

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • जी घबड़ाना झड़क, झिझक पीड़या भय के कारण शरीर का झटके से हिल उठना। शादी विवाह में उपहार स्वरूप दी गयी समान, रूपया

संज्ञा, पुल्लिंग

  • नीपना, पूजा का स्थान तैयार करने वाला स्थल, चूल्हा मिट्टी से नीपना, खाने के पहले जगह को नीपना

चौँक के कन्नौजी अर्थ

चौंक

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • चौंकने का भाव

चौँक के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • चकित होना, भड़कने की आदत, चौंकने की क्रिया

Noun, Masculine

  • a sudden start, a shiver, a shudder.

चौँक के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • झिझक, चौंकाने की क्रिया या भाव

चौँक के ब्रज अर्थ

चौंक

अकर्मक क्रिया, अकर्मक

  • काँप उठना; एकाएक घबरा कर जाग उठना ; सतर्क होना ; भड़कना

चौँक के मगही अर्थ

संज्ञा

  • चौकने की क्रिया या भाव

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