चौपाई

चौपाई के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

चौपाई के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Feminine

  • a typical Hindi poetic metre

चौपाई के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक प्रकार का छंद जिसके प्रत्येक चरण में १६ मात्राएँ होती है , इसके बनाने में केवल द्विकल और त्रिकल का ही प्रयोग होता है , इसमें किसी त्रिकल के बाद दो गुरु और सबसे अंत में जगण या तगण न पड़ना चाहिए , इसे रूप चौपाई या पादाकुलक भी कहते हैं

    विशेष
    . वास्तव में चौपाई (चतुष्पदी) वही है जिसमें चार चरण हों और चारों चरणों का अनुप्रास मिला हो । जैसे,— छूअत सिला भइ नारि सुहाई । पाहन तें न काठ कठिनाई । तरनिउ मुनिधरनी होइ जाई । बाट परइ मोरि नावउड़ाई । पर साधारणतः लोग दो चरणों को ही (जिन्हें वास्तव में अर्धाली कहते हैं) चौपाई कहते और मानते हैं । मात्रिक के अतिरिक्त कुछ चौपाइयाँ ऐसी भी होती हैं जो वर्णवृत्त के अंतर्गत आती हैं और जिनके अनेक भेद और भिन्न भिन्न नाम हैं । उनका वर्णन अलग अलग दिया गया है ।

  • चारपाई , खाट

चौपाई के पर्यायवाची शब्द

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चौपाई के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • छन्द इसके प्रत्येक चरण में सोलह मात्राएँ होती है

चौपाई के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक छंद जिसके प्रत्येक चरण में सोलह-सोलह मात्राएँ होती हैं

चौपाई के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • १६-१६ मात्राओं के चार चरणों वाला एक छन्द, चार पैरों वाली टिकटी

चौपाई के तुकांत शब्द

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