chhil meaning in braj
छिल के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, अकर्मक
-
छीलना; रगड़ लगने से त्वचा का उतर जाना
उदाहरण
. धूरि हूँ दरेंगी जऊ अंग छिलि जाइगौ ।
छिल के मालवी अर्थ
संज्ञा
- चील पक्षी, छिलना।
छिल के तुकांत शब्द
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