चुंबक

चुंबक के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

चुंबक के मैथिली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • आकर्षण-शक्तिबाला लोह/पाथर

Noun, Masculine

  • magnet.

चुंबक के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • a magnet

चुंबक के हिंदी अर्थ

चंबक

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार की धातु जो लोहे के टुकड़े को अपनी ओर खींचती है
  • वह जो चुंबन करे
  • वह जो चुंबन ले
  • कामुक , कामी
  • चुंबन करने वाला, प्रेमी
  • वह पदार्थ जो लोहे को अपनी ओर खींचता है
  • धूर्त मनुष्य
  • मैगनेटाइट का बना एक स्थायी चुम्बक पत्थर
  • ग्रंथों को केवल इधर उधर उलटनेवाला , विषय को अच्छी तरह न समझनेवाला
  • पानी भरते समय घडे के मुँह पर बँधा हुआ फंदा , फाँस
  • एक प्रकार का पत्थर या धातु जिसमें लोहे को अपनी ओर आकर्षित करने की शक्ति होती है

    विशेष
    . चुंबक दो प्रकार का होता है —एक प्रकृतिक दुसरा कृत्रिम । प्राकृतिक चुंबक एक प्रकार का लोहा भिला पत्थर होता है जो बहुत कम मिलता है । इससे कृत्रिम या बनावटी चुंबक ही देखने में अधिक आता है डो या तो घोडे की नाल के आकार का होता है या सीधी छड के आकार का । यदि चुंबक की छड को लोहे के चूर के ढेर में डालें तो दिखाई पडेगा कि लोहे का चूर उस छड में यहाँ से बहाँ तक बराबर नहीं लिपटता बल्कि दोनों छोरों पर सबसे अधिक लिपटता है । इन दोनों छोरों को आकर्षण प्रांत कहते हैं । कभी कभी किसी छड के आकर्षण प्रांत दो से अधिक होते हैं । यदि किसी चुंबक- शलाका को उसके मध्यभाग (मध्याकर्षण केंद्र) पर से ऐसा ठहरावें कि वह चारों ओर घूम सके तो वह घूमकर उत्तर- दक्खिन रहेगी, अर्थात् उसका एक सिरा उत्तर की ओर और दूसरा दक्खिन की ओर रहेगा । ध्रुवदर्शक यंत्र में इसी प्रकार की शलाका लगी रहती है । पर ध्यान रखना चाहिए कि शलाका का यह उत्तर दक्षिण हमारे भौगोलिक उत्तर दक्षिण से ठीक ठीक मेल नहीं खाता कहीं ठीक उत्तर से कई अंश पूर्व और कहीं पश्चिम की ओर होता है । इस अंतर को चुंबक प्रवृत्ति कहते हैं । इसे निकालने के लिये भी एक यंत्र होता है । यह चुंबक प्रवृत्ति पृथ्वी के भिन्न भिन्न स्थानों में भिन्न भिन्न होती है जिसके हिसाब किताब जहाजी रखते हैं । इसके अतिरिक्त किसी स्थान की यह चुंबकप्रवृत्ति सब काल में एक सी नहीं रहती, शताब्दियों के हेर फेर के अनुकार कुछ मौलिक परिवर्तनों के कारण वह बदला करती है । किसी चुंबक का एक प्रांत दूसरे चुंबक के सी प्रांत को आकर्षित न करेगा, अर्थात् एक चुंबकशलाका का उत्तर प्रांत दूसरी चुंबक शलाका के उत्तर प्रांत को आकर्षित न करेगा, दक्षिण प्रांत को करेगा । जिस वस्तु के चुंबक के दोनों प्रांत आकर्षित करें

    उदाहरण
    . सुई होहिं चेतन्य यथा चंबक कै संगा।

  • वह स्थायी चुंबक नहीं है, केवल आकर्षित होने की शक्ति रखनेवाला है , जैसे, साधारण लोहा आदि , स्थायी चुंबक के पास लोहे का टुकडा लाने से उसमें भी चुंबक का गुण आ जायगा, अर्थात् वह भी दूसरे लोहे को आकर्षित कर सकेगा , ऐसे चुंबक को स्थायी चुंबक कहते हैं , इस्पात में यद्यपि चुंबक शक्ति अधिक नही दिखाई देती, पर एक बार उसमें यदि चुंबक शक्ति आ जाती है, तो फिर वह जल्दी नहीं जाती , इसी से जितने कृतिम स्थायी चुंबक मिलते हैं, वे इस्पात ही के होते हैं , कृत्रिम चुंबक या तो चुंबक के संसर्ग द्वारा बनाए जाते हैं अथवा इस्पात की छड में विद्युत्प्रवाह दौडाने से , विद्युत्प्रवाह द्वारा बडे शक्तिशाली चुंबक तैयार होते हैं , अब यह निश्चित हुआ है कि चुंबक विद्युत का ही गुण है

चुंबक के अंगिका अर्थ

चुम्बक

संज्ञा, पुल्लिंग

  • चुम्मक, चुम्बक (पत्थर या धातु का वह टुकड़ा) जो लोहे को खीचकर पकड़ लेता है

चुंबक के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्राकृतिक या कृत्रिम लोहे या खनिज का टुकड़ा जो लोहे को अपनी ओर खींचता है

चुंबक के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वह पत्थर या धातु जो लोहे को अपनी ओर खींचें

Noun, Masculine

  • magnet, lodestone.

चुंबक के ब्रज अर्थ

विशेषण

  • कामुक ; धूर्त

पुल्लिंग

  • लोहे को आकर्षित करने वाला पत्थर विशेष

अन्य भारतीय भाषाओं में चुंबक के समान शब्द

उर्दू अर्थ :

मक़नातीस - مقناطیس

पंजाबी अर्थ :

चुंबक - ਚੁੰਬਕ

गुजराती अर्थ :

लोहचुंबक - લોહચુંબક

कोंकणी अर्थ :

लोह चुंबक

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