daan meaning in hindi
दान के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- देने का कार्य , जैसे, ऋणदान
-
लेनेवाले से बदले में कुछ न चाहकर या लेकर उदारतावश देने का कार्य , धर्म के भाव से देने की क्रिया , वह धर्मार्थ कर्म जिसमें श्रद्धा या दयापूर्वक दूसरे को धन आदि दिया जाता है , खैरात , क्रि॰ प्र॰—करना , —देना , यो॰—कन्यादान , गोदान , दानपुन्य , दानदहेज
विशेष
. स्मृतियों में दान के प्रकरण में अनेक बातों का विचार किया गया है । सबसे अधिक जोर दान ग्रहण कहे गए हैं । ब्राह्मणों में वेदपाठी, वेदपाठियों में वेदोक्त कर्म के कर्ता और उनमें भी शम, दम आदि से युक्त आत्मज्ञानी श्रेष्ठ हैं । दानों का विशेष विधान यज्ञ, श्राद्ध आदि कर्मों के पीछे हैं । इस प्रकार का दान अंधे, लूले, लँगड़े, गूँगे आदि विकलांगों को देने का निषेध है । दान के लिये दाता में श्रद्धा होनी चाहिए और उसे लेनेवाले से कुछ प्रयोजनसिद्धि की अपेक्षा न रखनी चाहिए । शुद्धितत्व में दान के छह अंग बतलाए गए हैं—दाता, प्रतिग्रहीता, श्रद्धा, धर्म देश और काल । दान के उत्तम और निकृष्ट होने का विचार इन छह अंगों के अनुसार होता है—अर्थात् दाता के विचार से (जैसे, श्वपच, कुलटा आदि का दिया हुआ), प्रतिग्रहीता के विचार से (जैसे, पतित ब्राह्मण को दिया हुआ), श्रद्धा के विचार से (जैसे, तिरस्कारपूर्वक दिया हुआ), देश के विचार से (जैसे, गंगा के तट पर दिया हुआ), और काल के विचार से (जैसे, ग्रहण के समय का ) । इनके अतिरिक्त द्रव्य का भी विचार किया जाता है कि जो धन दान में दिया जाय वह कैसा होना चाहिए । देवल ने लिखा है कि जो धन दूसरे को पीड़ित करके न प्राप्त हुआ हो, अपने परिश्रम से प्राप्त हुआ हो, वही दान के योग्य है । जिस प्रकार दान का फल कहा गया है, उसी प्रकार दान के त्याग का भी फल कहा गया है । याज्ञवल्क्य स्मृति में लिखा है कि 'जो प्रतिग्रह में समर्थ अर्थात् दान लेने का पात्र होकर भी प्रतिग्रह नहीं लेता वह दानियों के जो स्वर्ग आदि लोक हैं उन सबको प्राप्त होता है' । इसी से बहुत से स्थानों के ब्राह्मण प्रतिग्रह कभी नहीं लेते । वेदों ओर स्मृतियों में कहे हुए दानों के अतिरिक्त ग्रहों की शांति आदि के लिये कुछ दान किए जाते हैं जिनका लेना बुरा समझा जाता है । इनमें शनैश्चर का दान सबसे बुरा समझा जाता है जिसमें तेल, लोहा, काला तिल, काला कपडा दिया जाता है । दान के विषय में संस्कृत में अनेक आचार्यों के अनेक ग्रंथ हैं । - वह वस्तु जो दान में दी जाय
-
कर , महसूल , चुंगी , ठेंगा
उदाहरण
. दानी भए नए माँगत दान सुने जु पै कंस तो बाँधिकै जैहौ । . तुम समरथ की वाम कहा काहू को करिहौ । चोरी जातीं बेचि दान सब दिन को भरिहौ । - राजनीति के चार उपायों में से एक , कुछ देकर शत्रु के विरुद्ध कार्यसाधन की नीति
-
हाथी का मद
उदाहरण
. सुरसरि में दिग्गज दान मलिन जलही भर, कंचन के कमलालय हुए तदीय सरोवर । . दान देन यौं शोभियत दीन नरनि के हाथ । दान सहित ज्यौं राजहीं मत्त गजन के माथ । . रनित भृंग घंटावली झरत दान मधुनीर । मंद मंद आवत चल्यो कुंजर कुंज समीर । - छेदन , कर्तन , खंडन
- शुद्धि ९
- एक प्रकार का मधु
- रक्षण , पालन (को॰)
फ़ारसी ; संज्ञा, पुल्लिंग
- पात्र, आधार, रखने की वस्तु, समा- सांत में, जैसे कलमदान
दान के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएदान के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएदान के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- donation
- charity, alms
- a religious gift (in cash or kind)
- a suffix used to denote a stand, container or pot etc. (e.g. कमलदान, पीकदान, शमादान)
- the fluid that flows from the temples of an elephant while in rut
दान के अंगिका अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- देने का कार्य, त्याग, धर्मार्थ कार्य, हाथी का मद, राजनीति के चार उपयों में से एक
दान के अवधी अर्थ
संज्ञा
- दान; दान देब, दान लेब
दान के कन्नौजी अर्थ
- देने की क्रिया 2. धर्म की दृष्टि से या दयावश किसी को कोई वस्तु देने की क्रिया 3. दी हुई वस्तु 4. शिक्षण 5. कुछ देकर शत्रु को वश में करने की नीति 6. उदारता
दान के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- दे०-दन्याव; धान बोने अथवा रोपने हेतु जमीन तैयार करने वाला एक कृषि यंत्र; दान-छत का अन्तिम किनारा
- देने की क्रिया, दी हुई वस्तु, शिक्षण, कर्म,-करम, किस्मत
दान के गढ़वाली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- धार्मिक या सेवा भाव से दिया जाने वाला धन या पदार्थ; याचकों को उदारता पूर्वक दिया जाने वाला द्रव्य या पदार्थ
विशेषण
- वृद्ध
- वृद्ध व्यक्ति, बुजुर्ग
Noun, Masculine
- alms, charity.
Adjective
-
elderly, old.
उदाहरण
. दानु आदिम
दान के बज्जिका अर्थ
संज्ञा
- किसी को धर्म के लिए दी गई
दान के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- श्रद्धा भक्ति से दिया जाने वाला अन्न, धन आदि,
दान के मगही अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा
- मुफ्त में कुछ देने की क्रिया या भाव; दान स्वरुप दी गई वस्तु, खैरात; हाथी का मद; दाव, पाली, बारी (खेल आदि का); धर्मार्थ, श्रद्धा या दयावश दूसरे को धनादि देने का काम, दान पुण्य; पुरोहित, पंडा आदि को दी जाने वाली दान-दक्षिणा
दान के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- देनाइ
-
बासन, आधानी, पात्र;
उदाहरण
. कलमदान| - धर्मार्थ/लोकोपकारार्थ धन देब
Noun
- gift, giving, granting.
- stand, receptacle.
- donation.
अन्य भारतीय भाषाओं में दान के समान शब्द
पंजाबी अर्थ :
दान - ਦਾਨ
गुजराती अर्थ :
दान - દાન
खेरात - ખેરાત
पुण्य - પુણ્ય
उर्दू अर्थ :
दहिश - دہش
देन - دین
ख़ैरात - خیرات
कोंकणी अर्थ :
दिवप
दान करप
दान के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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