ध के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

ध के अंगिका अर्थ

  • ई अंगिका वर्णमाला केरों उन्नीसवां व्यंजन वर्ण आरू तवर्ग केरों चौथा वर्ण छेकय । ऐकरों उच्चारण स्थान दन्त छेकय

संज्ञा, पुल्लिंग

  • धन कुवेर, बहना, धन

ध के अँग्रेज़ी अर्थ

  • the fourth and penultimate letter of the fourth pentad (i.e. तवर्ग) of the Devna:gri: alphabet

ध के हिंदी अर्थ

  • हिंदी या वर्णमाला का उन्नीसवाँ व्यंजन और तवर्ग का चौथा वर्ण जिसका उच्चारण स्थान दंतमूल है, इसके उच्चारण में आभ्यंतर प्रयत्न आवश्यक होता है और जीभ की नोक ऊपरी दाँतों की जड़ में लगानी पड़ती है, बाह्य प्रयत्न संवार, नाद, घोष महाप्राण हैं

    उदाहरण
    . संगीत में ध को धैवत स्वर का सूचक और संक्षिप्त रूप माना जाता है।


संज्ञा, पुल्लिंग

  • ब्रह्मा
  • कुबेर
  • गुण, नैतिक गुण
  • भारतीय संगीत के सात स्वरों में से छठा, धैवत स्वरसंकेत (संगीत)
  • धर्म
  • धन, संपत्ति

प्रत्यय

  • धारण करने वाला

ध के यौगिक शब्द

संपूर्ण देखिए

ध के कन्नौजी अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला में 'त' वर्ग का चौथा वर्ण. उच्चारण स्थान दंत

ध के गढ़वाली अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का उन्नीसवां व्यंजन वर्ण
  • the nineteenth consonant of the Devanagari alphabet.

ध के बुंदेली अर्थ

  • हिन्दी वर्णमाला देवनागरी लिपि के त वर्ग का चतुर्थ वर्ण, इसका उच्चारण स्थान दन्त्य है

ध के मैथिली अर्थ

  • वर्णमालाक उनैसम व्यञ्जन वर्ण
  • 19th consonant of alphabet

ध के मालवी अर्थ

  • त वर्ग का चौथा वर्ण।

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