Dhaar meaning in hindi
ढार के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
वह स्थान जो बराबर क्रमशः नीचा होता गया हो और जिसपर से होकर कोई वस्तु नीचे फिसल या बह सके, उतार
उदाहरण
. सकुच सुरत आरंभ ही बिछुरी लाज लजाय । ढरकि ढार डुरि ढिग भई ढीठ ढिठाई आय । -
पथ, मार्ग, प्रणाली
उदाहरण
. सब ह्वै आवैं अवधे ड़ार । मीत मिलन दुर्लभ संसार । . ढेर डार तेही ढरल, दूजे ढार ढरै न । क्यों हूँ आनन आन सौ नैना लागत नैन । -
प्रकारं, ढाँचा, ढंग, रचना, बनावट
उदाहरण
. दृग धरकौहें अधखूले, देह धकोंहैं ढार । सुरति सूखी सी देखियत, दुखित मरम के भार । . तिय को मुख सुंदर बन्यो, बिधि फेयो परगार । तिलन बीच कौ बिंदु है, गाल गोल इक ढार— मुबारक (शब्द॰) ।
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- ढाल के आकार का कान में पहनने का एक गहना, बिरिया
- पछेली नामक गहना
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- रोने का घोर शब्द , आर्तनाद , चिल्लाकर रोने की ध्वानि
- दहाड़
- दाढ़
ढार से संबंधित मुहावरे
ढार के अंगिका अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- उतार, ढालुवां भूमि
ढार के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग
- ढाल
- उतार, ढालू या ढालुई जमीन
ढार के बज्जिका अर्थ
संज्ञा
- ढलान
ढार के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
किसी चोट पर किसी तरल दवा को बहाकर लगाने या बार बार तर करने की क्रिया, किसी बात को सीधे न कहकर दूसरे तरीके से कहना,
उदाहरण
. उदा. ढारकें -बात कहना।
ढार के ब्रज अर्थ
ढाल
संज्ञा, पुल्लिंग
-
मार्ग ; ढंग
उदाहरण
. देह थकों हैं ढार । -
ढाँचा; साँचा ; साँचे में ढली वस्तु ; रचना , बनावट
उदाहरण
. तिन्हें ढार ऐसे रुवं ।
सकर्मक क्रिया
- साँचे की सहायता से बनाना ; उड़ेलना ; पंखा झलना
ढार के मगही अर्थ
संज्ञा
- यौगिक शब्दों में प्रयुक्त; ढारने की क्रिया या भाव-यथा: पनढार, दे. 'ढाल'
ढार के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- उतार, क्रमिक निम्नता, नति
Noun
- slope, declivity, gradient.
ढार के मालवी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- ढाल, उतार।
ढार के तुकांत शब्द
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