धातु

धातु के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

धातु के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • दव्य शब्द का वह रूप जिसमें क्रिया बनती है वे खान से निकलने वाले द्रव्य जो भारी हो जो गुलाये जा सके, जिनमें गुरूत्व हो, जिनको पीटकर बढाया जा सके, तथा जिसका तार खींचा जा सके, यथा सोना चाँदी परमात्मा शरीर को धारण करने वाला

धातु के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Feminine

  • a metal
  • constituent elements (of the body)
  • semen
  • root

धातु के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वह मूल द्रव्य जो अपारदर्शक हो, जिसमें एक विशेष प्रकार की चमक हो, जिसमें से होकर ताप और विद्युत् का संचार हो सके तथा जो पीटने अथवा तार के रूप में खींचने से खंडित न हो , एक खनिज पदार्थ

    विशेष
    . प्रसिद्ध धातुएँ हैं— सोना, चाँदी, ताँबा, लोहा, सीसा और राँगा । इन धातुओं में गुरुत्व होता है, यहाँ तक कि राँगा जो बहुत हलका है वह भी से सात गुना अधिक धना या भारी होता है । ऊपर लिखी धातुओं में केवल सोना, चाँदी ओर ताँबा ही विशुद्ध रूप में मिलते हैं; इससे इन पर बहुत प्राचीन काल में ही लोगों का ध्यान गया । कहीं कहीं, विशेषतः उल्कापिंडों में, लोहा भी विशुद्ध रूप में मिलता है । युरोपियनों के जाने के पहले अमेरिकावाले उल्कापिंडों के लोहे के अतिरिक्त और किसी लोहे का व्यवहार नहीं जानते थे । सीसा और राँगा वुशुद्ध धातु के रूप में प्रायः नहीं मिलते, बल्कि खनिज पिंडों को गलाकर साफ करने से निकलते हैं । राँगा, सीसा, जस्ता आदि शुद्ध रूप में न मिलनेवाली धातुओं का ज्ञान लोगों को कुछ काल पीछे, जब वे मिश्र धातु आदि बनाने लगे, तब हुआ । बहुत दिनों तक लोग पीतल तो बना लेते थे पर जस्ते को अच्छी तरह नहीं जानते थे । यही हाल राँगे का भी समझिए । पारे को भी लोग बहुत दिनों से जानते हैं । यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि पारा शुद्ध धातु के रूप में भी बहुत मिलता है । पारा अर्धद्रव अवस्था में मिलता है इसी से युरोप में बहुत दिनों तक लोग उसे धतुओं में नहीं गिनते थे । पीछे मालूम हुआ कि वह सरदी से जम सकता है और उसका पत्तर बन सकता है । मूल धातुओं के योग से मिश्र धातुएँ बनती हैं— जैसे ताँबे और राँगे के योग के काँसा आदि । इनके अतिरिक्त अब अलु- मिनियम, प्लेटिनम, निकल, कोवाल्ट आदि बहुत सी नई धातुओं का पता लगा हैं । इस प्रकार धातुओं की संख्या अब बहुत हो गई है । रेडियम नामक धातु का पता लगे अभी थोड़े ही दिन हुए हैं ।

  • शरीर को धारण करनेवाला द्रव्य , शरीर को बनाए रखनेवाले पदार्थ

    विशेष
    . वैद्यक में शरीरस्थ सात धातुएँ मानी गई हैं— रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थिमज्जा और शुक्र । सुशृत में इनका विबरण इस प्रकार मिलता हैं । जो कुछ खाया जाता है उससे जो द्रव रूप सूक्ष्म सार बनता है वह रस कहलता है और उसका स्थान हृदय है जहाँ से वह धमनियों के द्वारा सारे शरीर में फैलता है । यही रस अविकृत अवस्था में शेव (पित्त के कार्य) के साथ मिश्रित होकर लाल रंग का हो जाता है और रक्त कहलाता है । रक्त से मांस, शीव से मेद, मेद से हड्डी, हड्डी से मज्जा और मज्जा के शुक बनता है । वात, पित्त और कफ की भी धातु संज्ञा है ।

  • बुद्ध या किसी महात्मा की अस्थि आदि जिसे बौद्ध लोग डिब्बे में बंद करके स्थापित करते थे
  • शुक्र , वीर्य

संज्ञा, पुल्लिंग

  • भूत , तत्व

    विशेष
    . पंचभूतों और पंचतन्मात्र को भी धातु कहते हैं । बौद्धों में अठारह धातुएँ मानी गई हैं— चक्षुधातु, घ्राणधातु, श्रोत्रधातु, जिह्वाधातु, कायधातु, रूपधातु, शब्दधातु, गंध- धातु, रसधातु, स्थातव्यधातु, चक्षुविज्ञानधातु, श्रोत्रविज्ञान धातु, घ्राणविज्ञानधातु, जिह्वाविज्ञानधातु, कायविज्ञानधातु, मनोधातु, धर्मधातु, मननोविज्ञानधातु ।

    उदाहरण
    . जाके उदित नचत नाना विधि गति अपनी अपनी । सूरदास सब प्रकृति धातुमय अति विचित्र सजनी ।

  • शब्द का मूल , क्रियावाचक प्रकृति , वह मूल जिससे क्रियाएँ बनी हैं या बनती हैं , जैसे, संस्कृत में भू, कृ, धृ इत्यादि (व्याकरण)

    विशेष
    . यद्यपि हिंदी व्याकरण में धातुओं की कल्पना नहीं की गई है, तथापि की जा सकती है । जैसे, करना का 'कर' हँसना का 'हँस' इत्यादि ।

  • परमात्मा

धातु से संबंधित मुहावरे

  • धातु गिरना

    पेशाब के रास्ते या उसके साथ वीर्य का पतला होकर निकलना जो एक रोग है, प्रमेह होना

धातु के अवधी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वीर्य

धातु के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वीर्य

धातु के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • रक्त, रस, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्र ये सात शरीरस्थ पदार्थ; वात,पित, कफ, वीर्य, शब्द आदि आकाश के गुण
  • व्याकरण में क्रिया का मूल |
  • सोना-चांदी आदि खनिज |

Noun, Masculine, Feminine

  • blood, flesh, semen etc. the constituent elements of body.
  • metals like gold, silver etc.
  • stem or root of verb in grammar.

धातु के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • लोह आदि गलनिहार द्रव्य
  • शुक्र, वीर्य
  • (व्याकरणमे) शब्दक मूल
  • (आयुर्वेदमे) रक्त-मांसादि दैहिक उपादान

Noun

  • metal.
  • semen, virile.
  • root (in grammar).
  • humour (in medical science).

अन्य भारतीय भाषाओं में धातु के समान शब्द

पंजाबी अर्थ :

धात - ਧਾਤ

गुजराती अर्थ :

धातु - ધાતુ

उर्दू अर्थ :

धात - دھات

कोंकणी अर्थ :

खनीज

संस्कृत व्याकरणातलो मूळधातू

सब्सक्राइब कीजिए

आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा