धनुर्वेद

धनुर्वेद के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

धनुर्वेद के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • the part of यजुर्वेद which deals with the art and science of archery
  • the art and science of archery

धनुर्वेद के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वह शास्त्र जिसमें धनुष चलाने की विद्या का निरूपण हो

    विशेष
    . प्राचीन काल में प्रायः सब सभ्य देशों में इस विद्या का प्रचार था । भारत के अतिरिक्त फारस, मिस्त्र, यूनान, रोम आदि के प्राचीन इतिहासों और चित्रों आदि के देखने से उन सब देशों में इस विद्या के प्रचार का पता लगता है । भारतवर्ष में तो इस विद्या के बड़े बड़े ग्रंथ थे जिन्हें क्षत्रियकुमार अभ्यासपूर्वक पढ़ते थे । मधुसूदन सरस्वती ने अपने प्रस्थानभेद नामक ग्रंथ में धनुवेंद को यजुर्वेद का उपवेद लिखा है । आजकल इस विद्या का वर्णन कुछ ग्रंथों में थोड़ा बहुत मिलता है । जैसे, शुक्रनीति, कामंदकीनीत, अग्निपुराण, वीरचिंतामाणि, वृद्धशार्ङ्गधर, युद्धजयार्णव, युक्तिकल्पतरु, नीतिमयूख, इत्यादि । धनुर्वेदसांहिता नामक एक अलग पुस्तक भी मिलती है पर उसकी प्राचीनता और प्रामाणिकता में संदेह है ।

धनुर्वेद के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • युद्ध-विधा

Noun

  • military science.

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