धवई

धवई के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

धवई के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक पेड़ जो हिमालय से लेकर सारे उत्तरीय भारत में अधिकता से होता है , दक्षिण में यह कम मिलता है , इसे धाय भी कहते हैं

    विशेष
    . इसकी पत्तियाँ अनार की पत्तियौं से मिलती जुलती पर कुछ पीलापन लिए और खुरदुरी होती हैं । फूल लाल रंग के होते हैं और दवा तथा रँगाई के काम में आते हैं । ये फूल शिशिर से वसंत तक लगते हैं और इकट्ठे करके सुखाए जाते हैं । प्रदर रोग में वैद्य लोग इन फूलों का काढ़ा देते हैं । छाल भी दवा के काम में आती है । वैद्यक में धवई या धाय चरपरी, शीतल, कसैली, मदकारक, कडुई, रक्तप्रवाहिका, तथा पित्त, तृषा विसर्प व्रण, कृमि और अतिसार को दूर करनेवाली मानी जाती हैं । पर और अंगों की अपेक्षा फूलों में अधिक गुण कहा जाता है । धवई के पेड़ से एक प्रकार का गोंद भी निकलता है ।

धवई के भोजपुरी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक तरह की मछली;

    उदाहरण
    . धवई जाल में फँसल बिया।

Noun, Feminine

  • a kind of fish.

सब्सक्राइब कीजिए

आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा