duḥsandhaan meaning in hindi
दुःसंधान के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- केशवदास में अनुसार काव्य में एक रस जो उस स्थल पर होता है जहाँ एक तो अनुकूल होता है और दूसरा प्रतिकूल, एक तो मेल की बात करता है और दुसरा बिगाड़ की, यथा, एक होय अनुकूल जहाँ दूजो है प्रतिकूल, केशव दुःसंधान रस सोभित तहाँ समूल, यह पाँच प्रकार के अनरसों में से माना गाया है
दुःसंधान के तुकांत शब्द
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