dvaimaatur meaning in hindi
द्वैमातुर के हिंदी अर्थ
विशेषण
- जिसकी दो माताएँ हों
संज्ञा, पुल्लिंग
-
गणेश, विनायक
विशेष
. स्कंदपुराण के गणेशखंड में लिखा है कि गणेश वरेण्य नामक राजा के घर उनकी रानी पुष्पका देवी के गर्भ से त्रैलोक्य की विघ्नशांति के लिए उत्पन्न हुए। पर उनकी आकृति और तेज आदि को देखकर राजा डर गए और उन्हें पार्श्वमुनि के आश्रम के पास एक जलाशय में फेंकवा दिया। वहाँ मुनि की पत्नी दीपवत्सला ने उन्हें पाला। इस प्रकार दो माताओं के द्वारा पलने के कारण गणेश का नाम द्वैमातुर पड़ा। -
जरासंध
विशेष
. हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार जरासंध मगध नरेश बृहद्रथ का पुत्र था। वह दो माताओं के गर्भ से पौदा हुआ था अर्थात् उसके शरीर का आधा हिस्सा एक माता तो आधा हिस्सा दूसरी माता के गर्भ से पैदा हुआ था। इस पर उसके शरीर के दोनों टुकड़ों को फेंक दिया गया, लेकिन जब एक राक्षसी ने उन्हें उठाया तो दोनों हिस्से आपस में जुड़ गए और जरासंध उठ खड़ा हुआ।
द्वैमातुर के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएद्वैमातुर के तुकांत शब्द
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