dvivraN meaning in hindi

द्विव्रण

  • स्रोत - संस्कृत

द्विव्रण के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक ही व्यक्ति को होने वाले दो प्रकार के व्रण या घाव

    विशेष
    . सुश्रुत ने व्रण दो प्रकार के मान हैं। एक शारीर दूसरा आगंतुक। जो घाव वायु, रक्त, पित्त और कफ़ से फोड़े आदि के रूप में होता है उसे शारीर व्रण और जो किसी जंतु के काटने आदि से हो उसे आगंतुक व्रण कहते हैं।

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