gaayinii meaning in braj

गायिनी

गायिनी के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

गायिनी के ब्रज अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • गाने वाली स्त्री
  • एक प्रकार का मात्रिक छंद

गायिनी के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वह स्त्री जो गाकर अपनी जीविका का निर्वाह करती हो, गाने वाली स्त्री
  • एक मात्रिक छंद

    विशेष
    . इसके पादों में क्रमशः 12+ 18 और 12 + 20 मात्राएँ होती हैं और प्रत्येक चरण के अंत में गुरु तथा बीस-बीस मात्राओं के पीछे एक जगण होता है। बीस मात्राओं के पीछे यदि चार लघु आ जाएँ, तो भी दोष नहीं माना जाता। जैसे—आदौ बारा मत्ता दूजे द्वै नौ सजाय मोद लहो। तीजै भानू कीजै चौथे बीसे जु गायिनी सुकति कहो।

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