गया

गया के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

गया के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • बिहार या मगध देश का एक विशेष पुण्य-—स्थान जिसका उल्लेख महाभारत और वाल्मीकीय रामायण से लेकर पुराणों तक में मिलता है

    विशेष
    . यह एक प्राचीन तीर्थ स्थान और यज्ञस्थल था । पुरानों में इसे राजर्षि गय की राजधानी लिखा है, जहाँ गयशिर पर्वत पर उन्होने एक बृहत् यज्ञ किया था और ब्रह्मचर नामक तालाब बनवाय़ा था । महात्मा बुद्धदेव के समय में भी गयशिर प्रधान यज्ञस्थल था । राजगृह से आकार वे पहले यहीं पर ठहरे थे और किसी यज्ञ के यजमान के अतिथि हुए थे । फिर वे यहाँ से थोड़ी दूर निरंजना नदी के किनारे उरुवेला गाँव में तप करने चले गए थे । इस स्थान को आजकल बोधगया कहते हैं यहाँ बहुत सी छोटी छोटी पहाड़िय़ाँ है । यह तीर्थ श्राद्ध और पिंड़दान आदि करने के लिये बहुत प्रसिद्ध है, और हिंदुओं का विश्वास है कि बिना वहाँ जाकर पिंडदान आदि किए पितरों का मोक्ष नहीं होता । कुछ पुराणों में इसे गम नामक असुर द्वारा निर्मित या उसके शरीर पर बसी हुई कहा गया है ।


संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • गया में होनेवाली पिंडोदक आदि क्रियाएँ

अकर्मक क्रिया

  • 'जाना' क्रिया का भूतरकालिक रूप , प्रस्थानित हुआ

गया से संबंधित मुहावरे

गया के अवधी अर्थ

गइआ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • गयाधाम , प्रसिद्ध तीर्थ

  • गाय

गया के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • गलियारा, मकानों के बीच का निकास मार्ग, अशुद्ध स्थानों को पवित्र नामों से जोड़ने की प्रवृत्ति प्रायः सभी जगह है, अत: पर्वतीय गाँवों में मकानों से दूर शौच आदि के स्थान के लिए 'गया' शब्द प्रयुक्त होता है यह एक प्रकार से गाँव का प्रवेश मार्ग है इसलिए कहा ज

संज्ञा, पुल्लिंग

  • बौद्ध गया, वह तीर्थ जहाँ गौतम बुद्ध को बोध (ज्ञान) प्राप्त हुआ था, बिहार प्रान्त का पितृ-श्राद्ध का धार्मिक स्थल

गया के गढ़वाली अर्थ

विशेषण

  • बिहार प्रदेश का एक नगर और तीर्थस्थल

Adjective

  • a city in Bihar which is a sacred place for Hindus & Budhists.

गया के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • बिहार का एक पुण्य स्थान जहाँ पिण्डदान किया जाता है,

    उदाहरण
    . उदा. गया करबो

  • गया में जाकर पिण्डदान आदि का करना

गया के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • बिहार राज्य में हिंदुओं का एक प्रसिद्ध तीर्थ- स्थल, जहाँ पिंडदान आदि करने का माहात्म्य है

    उदाहरण
    . गया बनारस अरु केदार ।

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