geru.ii meaning in kannauji
गेरुई के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- गेहूँ की पौध में लगने वाली एक बीमारी जिसमें पौधा गेरुआ हो जाता है
गेरुई के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
चैत की फसल का एक रोग जो अनाज के पौधों की जड़ के पास लाल रंग के महीन महीन कीड़े उत्पन्न हो जाने के कारण होता है
विशेष
. ये कीड़े फैल जाते हैं और पत्तों पर लाली छा जाती है । इससे दाने मारे जाते हैं । सबसे अधिक इसका असर गेहूँ की फसल पर होता है । जिस साल कुआर के पीछे जाड़े में वर्षा अधिक होती है उस साल यह रोग होता है।
गेरुई के अवधी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- एक रोग जो गेहूँ के पौदे में लगता है और जिसके लगने से सारा पेड़ गेरू की भाँति लाल हो जाता है। यह संक्रामक होता है और इसके संबंध में यह पहेली है;-"हाथ न गोड़ नहीं मुँह बकरे, खात है अनाज चलत भुई पकरें"
गेरुई के ब्रज अर्थ
स्त्रीलिंग
- फसल में होने वाला एक रोग विशेष
गेरुई के तुकांत शब्द
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