घोटना

घोटना के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

घोटना के बुंदेली अर्थ

सकर्मक क्रिया

  • बार बार रगड़ना अभ्यास करना, रटना, गला दबाकर साँस रोकना,

संज्ञा, पुल्लिंग

  • घोटने का औजार

घोटना के हिंदी अर्थ

सकर्मक क्रिया

  • किसी वस्तु को दूसरी वस्तु पर इसलिये बार बार रगडना कि वह दूसरी वस्तु चिकनी और चमकीली हो जाय , जैसे,— कपडा घोटना, तख्ती घोटना, दीवार घोटना , कागज घोटना
  • किसी वस्तु को बट्टे या और दूसरी वस्तु से इसलिये बार बार रगड़ना कि वह बहुत बारीक पिस जाय , रगड़ना , जैसे,—भाँग घोटना, सुरमा घोटना

    विशेष
    . घिसने और घोटने में यह अंतर है कि घिसने का प्रभाव, जो वस्तु ऊपर रखकर फिराई जाती हे, उसपर वांछित होता है । जैसे—चंदन घिसना; पर घोटने का प्रभाव आधार (जैसे,— कपडा, कागज आदि) या उसपर रखी हुई किसी वस्तु (जैसे, सिल पर रखी हुई बादाम, भाँग आदि) पर वांछित होता है । जैसे,—कपडा घोटना, भाँग घोटना । पीसने का प्रभाव केवल आधार पर रखी हूई वस्तु ही पर वांछित होता है । जैसे,—भाँग पीसना, आटा पीसना । रगड़ने और घोटने में भी वही अंतर है, जो घिसने और घोटने में है ।

  • किसी पात्र में रखकर कई वस्तुओं को बट्टे आदि से रगड़कर परस्पर मिलाना , हल करना
  • कोई कार्य, विशेषतः लिखने पढ़ने का कार्य, इसलिये बार बार करना कि उसका अभ्यास हो जाय , अभ्यास करना , मश्क करना , जैसे,—सबक घोटना, पट्टी या तख्ती घोटना
  • डाँटना , फटकारना , बहुत बिगड़ना , जैसे,—अफसर ने बुलाकर उन्हें खूब घोटा
  • छूरा या उस्तरा फेरकर शरीर के बाल दूर करना , मूडना
  • (गला) इस प्रकार दबाना कि साँस रुक जाय , (गला) मरोड़ना

संज्ञा, पुल्लिंग

  • घोटने का औजार, वह वस्तु जिससे कुछ घोटा जाय, जैसे—भँगघोटना

    उदाहरण
    . काया कुंडी करै पवन का घोटना । पल्टू—पृ॰ ९४ । २

  • रँगरेजों का लकडी का वह कुंदा जो जमीन में कुछ गडा रहता है और जिस पर रखकर रँगे कपडे घोटे जाते हैं

घोटना से संबंधित मुहावरे

घोटना के बज्जिका अर्थ

संज्ञा

  • घोंटने वाला उपकरण यथा दाल-घोंटना

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