गोरख नाथ

गोरख नाथ के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

गोरख नाथ के कन्नौजी अर्थ

  • पन्द्रहवीं शती के एक प्रसिद्ध हठयोगी

गोरख नाथ के हिंदी अर्थ

गोरख-नाथ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रसिद्ध अवधूत जो पंद्रहवीं शताब्दी में हुए थे

    विशेष
    . ये बहुत सिद्ध माने जाते हैं और इसका चलाया हुआ संप्रदाय अबतक जारी है । गोरखपुर इनका प्रधान निवास— स्थान था और वहीं इन्होंने सिद्धि प्राप्त की थी।

    उदाहरण
    . गोरखनाथ का चलाया हुआ पंथ गोरख-पंथ कहलाता है ।

गोरख नाथ के गढ़वाली अर्थ

गोरखनाथ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पन्द्रहवीं शताब्दी के एक गोरखपंथी सिद्ध योगी

Noun, Masculine

  • an ascetic living in the middle ages who was endowed with supernatural powers.

गोरख नाथ के बुंदेली अर्थ

गोरखनाथ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • नाथ सम्प्रदाय के प्रसिद्ध संत इनको शिव का अवतार माना जाता था, ये आल्हखंड के नायक आल्हा के गुरू आल्हा अमर थे, चन्देलों की अन्तिम पराजय के समय जब इनके भाई ऊदल सहित सभी बीरगति को प्राप्त हुए तब आल्हा रण भूमि में बहुत दुखी हुए, उस समय गुरू गोरखनाथ प्रकट हुए और आल्हा को अपने साथ ले गये

गोरख नाथ के मालवी अर्थ

गोरखनाथ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक अवधूत योगी, जिन्होंने भर्तृहरि को योग मार्ग में दीक्षित किया था। इन्होंने अपना गोरख पंथ चलाया था।

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