हाव

हाव के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

हाव के मगही अर्थ

संज्ञा

  • मुख की मुद्रा; आँख अथवा अन्य अंग द्वारा दिया गया सैन या इशारा; आकर्षक चेष्टा

हाव के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पास बुलाने की क्रिया या भाव , पुकार , बुलाहट
  • संयोग या शृंगार के समय में नायिका की प्रेम-भावजनित स्वाभाविक चेष्टाएँ जो पुरुष को आकर्षित करती हैं, आह्लाद (प्रसन्नता)

    विशेष
    . साहित्य में ग्यारह हाव गिनाए गए हैं—लीला, विलास, विच्छित्ति, विभ्रम, किलकिंचित, मोट्टायित, विव्वोक, विहृत, कुट्टमित, ललित और हेला । भाव विधान में 'हाव' अनुभाव के ही अंतर्गत है ।

    उदाहरण
    . साहित्य में ग्यारह हाव गिनाए गए हैं ।

हाव के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

हाव के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • आकर्षण करने वाली चेष्टायें

हाव के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • हवा, वायु, पवन, 'हाव चलण'-किसी विशेष बात का खूब प्रचलित होना

हाव के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • नायिका को वे चेष्टावें जो प्रसंग के समय नायक को आने का संकेत करती हैं

    उदाहरण
    . हाव अरु भाव करि चलत चितवत जब, कौन ऐसी जो मोहित न होई ।

  • पुकार , बुलावा

हाव के मालवी अर्थ

अव्यय

  • सभी, हब।

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