हंस

हंस के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

हंस के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • हाँस

Noun

  • swan, goose; Anser indicus.

हंस के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • a swan, goose
  • noble/liberated soul
  • the sun

हंस के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • बत्तख के आकार का एक जलपक्षी जो बड़ी बड़ी झीलों में रहता है

    विशेष
    . इसकी गरदन बत्तख से लंबी होती है और कभी कभी उसमें बहुत सुंदर घुमाव दिखाई पड़ता है । यह पृथ्वी के प्रायः सब भागों में पाया जाता है और छोटे छोटे जलजंतुओं और उद्भिद पर निर्वाह करता है । यद्यपि हंस का रंग श्वेत ही प्रसिद्ध है, पर आस्ट्रेलिया में काले रंग के हंस भी पाए जाते हैं योरप में इसकी दो जातियाँ होती हैं —एक मूक इंस' दूसरी 'तूर्य हंस' । मूक हंस बोलते नहीं, पर तूर्य हंस की आवाज बड़ी कड़ी होती है । अमेरिका में भूरे और चितकबरे हंस भी होते हैं । चितकबरे हंस का सारा शरीर सफेद होता है, केवल सिर और गरदन कालापन लिए लाखी रंह की होती है । भारतवर्ष में हंस सब दिन नहीं रहने हैं । वर्षाकाल में उनका मानसरोवर आदि तिब्बत की झीलों में चला जाना और शरत्काल में लौटना प्रसिद्ध है । यह पक्षी अपनी शुभ्रता और सुंदर चाल के लिये बहुत प्राचीन काल से प्रसिद्ध है । कवियों में तथा जनसाधारण में इसके मोती चुँगने और नीर-क्षीर-विवेक करने (दूध मेंसे पानी अलग करने) का प्रवाद चला आता है जो कल्पना मात्र है । युरोप के पुराने कवियों में भी ऐसा प्रवाद था कि यह पक्षी बहुत सुंदर राग गाता है, विशेषतः मरते समय । किसी शब्द के आगे लगकर यह शब्द श्रेष्ठता का वाचक भी होता है, जैसे, कुलहंस । २

  • सूर्य

    उदाहरण
    . हंस तुरंगम-हंस रबि, हंस मराल, सुछंद । हंस जीव कह कहत कवि परम हंस गोविंद । . हंस बंस, दशरथ जनक, राम लषन से भाइ । —तुलसी (शब्द॰) ।

  • ब्रह्म , परमात्मा
  • शुद्ध आत्मा , माया से निर्लिप्त आत्मा

    उदाहरण
    . जे एहि छीर समुद मँह परे । जीव गँवाइ हंस होइ तरे ।

  • जीवात्मा , जीव

    उदाहरण
    . सिर धुनि हंसा चले हो रमैया राम ।

  • विष्णु
  • विष्णु का एक अवतार

    विशेष
    . एक बार सनकादिक ने ब्रह्मा से जाकर पूछा —कृपा कर बताइए कि विषय को चित्त ग्रहण किए हुए है या विषय ही चित्त को ग्रहण किए है । ये दोनों ऐंसे मिले हुए हैं कि हमसे अलग नहीं करते बनता । जब ब्रह्मा उत्तर न दे सके, तब सनकादिक को अपने ज्ञान का गर्व हो गया । इसपर ब्रह्मा ने भक्तिपूर्वक भगवान् का ध्यान किया । तब भगवान् हंस का रूप धारण करके सामने आए और सनकादिक से बोले तुम्हारा यह प्रश्न ही अज्ञानपूर्ण है । विषय और उनका चिंतन दोनों माया हैं, अर्थात् एक हैं । इस प्रकार सनकादिक का ज्ञानगर्व दूर हो गया ।

  • उदार और संयमी राजा , श्रेष्ठ राजा ९
  • संन्यासियों एक भेद

    उदाहरण
    . कहि आचार भक्ति विधि भाखी हंस धर्म प्रगटायौ ।

  • एक मंत्र
  • प्राणवायु
  • घोड़ा

    उदाहरण
    . हरे हरदिया हंस खिंग गर्रा फुलवारी ।

  • शिव , महादेव
  • ईर्ष्या , द्बेष
  • दीक्षागुरु , आचार्य
  • पर्वत
  • कामदेव
  • भैसा १९
  • दोहे के नवें भेद का नाम जिसमें १४ गुरु और २० लघु वर्ण होते हैं , (पिंगला)
  • एक वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में एक भगण और दो गुरु होते हैं , जैसे, 'राम खरारी' , इसी 'पंक्ति' भी कहते हैं
  • रजत , चाँदी (को॰)
  • महाभारत में वर्णित जरासंध के एक ���ेनापति का नाम (को॰)
  • बृहत्संहिता के अनुसार विशिष्ट लक्षणयुक्त एक प्रकार का वृष (को॰)
  • अपने वर्ग या कोटि का प्रधान अथवा श्रेष्ठ व्यक्ति , अग्रणी व्यक्ति या वस्तु , जैसे, कविहंस
  • प्लक्ष द्बीप का ब्राह्मण (को॰)
  • ब्रह्मा के एक पुत्र का नाम (को॰)
  • एक प्रकार का नृत्य
  • संगीत में एक ताल , हंसक (को॰) २९
  • वास्तु विद्या के अनुसार प्रासादा का एक भेद

    विशेष
    . यह हंस के आकार का बनाया जाता था । यह बारह हाथ चौड़ा और एक खंड का होता था और इसके ऊपर एक शृंग बनाया जाता था ।

हंस के अंगिका अर्थ

हँस

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का जलचर पक्षी आत्मा सूर्य शुद्ध

हंस के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • जलाशयों या बड़ी-बड़ी झीलों में रहने वाला एक बड़ा और सफेद जल पक्षी कवि सत्य के अनुसार यह पक्षी पानी से दूध अलग कर देता है

हंस के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • बड़ी-बड़ी झीलों में रहने वाला एक सफेद जलपक्षी, कवि समय के अनुसार यह दूध और पानी को अलग-अलग कर देता है, हंसा (बँ.), आत्मा, जीवन मुक्त,

हंस के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • जीवात्मा।; शुद्ध आत्मा ।; ब्रह्म ।; विष्णु ।; उत्तम राजा; सन्यासियों का एक भेद ; एक मंत्र विशेष , ८. प्राण वायु, ९. घोड़ा, १०. शिव , ११. पर्वत , १२. कामदेव , १३. भैंसा , १४. नृत्य विशेष , १५. प्रासाद भेद विशेष

पुल्लिंग

  • देखिए : 'सूर्य'
  • बत्तक जैसा एक जल-स्थल पक्षी, यह झोलों के किनारे रहता है, कवि प्रसिद्धि है कि यह नीर-क्षीर विवेको होता है

    उदाहरण
    . –आँखिन ते गिरे आँसू के बूंद सुहासु गयो उड़ि हंस की नाई ।


अकर्मक क्रिया

  • हास करना , कहकहा लगाना , खिलखिलाना

    उदाहरण
    . ३०-घर घर देति जुवति जन हाथा पूजा देखि हसत ब्रजनाथा ।

हंस के मगही अर्थ

संज्ञा

  • बगुले की जाति की एक चिड़िया जो झील या बड़े सरोवरों में रहती है, इसका नीरक्षीर विवेक प्रसिद्ध है; जीव; परमात्मा

हंस के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रसिद्ध जल पक्षी, सूर्य।

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