हंस

हंस के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

हंस के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • जीवात्मा।; शुद्ध आत्मा ।; ब्रह्म ।; विष्णु ।; उत्तम राजा; सन्यासियों का एक भेद ; एक मंत्र विशेष , ८. प्राण वायु, ९. घोड़ा, १०. शिव , ११. पर्वत , १२. कामदेव , १३. भैंसा , १४. नृत्य विशेष , १५. प्रासाद भेद विशेष

पुल्लिंग

  • देखिए : 'सूर्य'
  • बत्तक जैसा एक जल-स्थल पक्षी, यह झोलों के किनारे रहता है, कवि प्रसिद्धि है कि यह नीर-क्षीर विवेको होता है

    उदाहरण
    . –आँखिन ते गिरे आँसू के बूंद सुहासु गयो उड़ि हंस की नाई ।


अकर्मक क्रिया

  • हास करना , कहकहा लगाना , खिलखिलाना

    उदाहरण
    . ३०-घर घर देति जुवति जन हाथा पूजा देखि हसत ब्रजनाथा ।

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