हंसराज

हंसराज के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

हंसराज के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का धान या चावल

हंसराज के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक बूटी जो पहाड़ में चट्टानों से लगी हुई मिलती है, समलपत्ती

    विशेष
    . यह एक छोटी घास होती है जिसमें चारों ओर आठ दस अंगुल के सूत के से डंठल फैलते हैं। इन डंठलों के दोनों ओर बंद मुट्ठी के आकार की छोटी-छोटी कटावदार पत्तियाँ गुछी होती हैं। यह बूटी देखने में बड़ी सुंदर होती है, इसे बगीचों में कंकड़ पत्थर के ढेर खड़े करके लगाते हैं। वैद्यक में यह गरम मानी जाती है और ज्वर में दी जाती है। कहते हैं, इससे बवासीर से खून जाना भी बंद हो जाता है।

  • एक प्रकार का अगहनी धान
  • हंसों का राजा, बड़ा हंस

हंसराज के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पुष्प विशेष

    उदाहरण
    . 80-बकुल बुंदेला अरु हाड़ा हंसराज है।

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