ही

ही के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

ही के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • हृदय, मन; इच्छा

Noun

  • heart, mind, wish.

ही के अँग्रेज़ी अर्थ

Inexhaustible

  • only, solely, alone
  • none but

ही के हिंदी अर्थ

अव्यय

  • एक अव्यय जिसका व्यवहार जोर देने के लिये या निश्चय, अनन्यता, अल्पता, परिमिति तथा स्वीकृति आदि सूचित करने के लिये होता है, जैसे,— (क) आज हम रुपया ले ही लेंगे, (ख) वह गोपाल ही का काम है, (ग) मेरे पास दस ही रुपए हैं, (घ) अभी यह प्रयाग ही तक पहुँचा होगा, (च) अच्छा भाई हम न जायँगे, गोपाल ही जायँ, इसके अतिरिक्त और प्रकार के भी प्रयोग इस शब्द के प्राप्त होते हैं, कभी इस शब्द से यह ध्वनि निकलती है कि 'औरों की बात जाने दीजिए', जैसे,—तुम्हीं बताओ इसमें हमारा क्या दोष ?
  • एक अव्यय जिसका प्रयोग नीचे लिखे अर्थों में होता है
  • किसी बात पर अधिक बल देने या निश्चय के लिए प्रयुक्त शब्द
  • मात्र; केवल

संज्ञा, पुल्लिंग

  • 'हिय', 'हृदय'

    उदाहरण
    . उघरहिँ विमल बिलोचन ही के । मिटहिँ दोष दुख भव रजनी के । . मन पछितैहैं अवसर बीते । दुर्लभ देह पाइ हरि- पद भजु करम बचन अरु ही ते ।

  • छाती के अंदर बायीं ओर का एक अवयव जिसके स्पन्दन से सारे शरीर की नाड़ियों में रक्त-संचार होता रहता है

अकर्मक क्रिया

  • ब्रजभाषा के 'होनो' ( = होना) क्रिया के भूतकाल 'हो' ( = था) का स्त्रीलिंग गत रूप, थी

    उदाहरण
    . एक दिवस मेरे गृह आए, मैं ही मथति दही ।

ही के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

ही के अंगिका अर्थ

हीय

संज्ञा, पुल्लिंग

  • हिय, हृदय

ही के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • हिय, हृदय, अन्तस्तल;

ही के बज्जिका अर्थ

विशेषण

  • केलेजा ही जलना

ही के बुंदेली अर्थ

हीउ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • हृदय, हिय, मन, वक्षस्थल, छाती, सीना

ही के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • दे० 'हिम' ; दे० 'हृदय'

    उदाहरण
    . उर ते कढ़ि आवं गरे ते फिर मन की मन ही में सिराबो करें।


अव्यय

  • निश्चयात्मक ; अल्पता ; परिमित एवं स्वीकृति सूचक अव्यय

ही के मगही अर्थ

  • (सामान्य वर्तमान प्रथम पुरुष) हूँ

ही के मालवी अर्थ

हीय

संज्ञा, पुल्लिंग

  • हृदय, दिल।

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