hiinyaan meaning in maithili

हीन-यान

हीन-यान के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

हीन-यान के मैथिली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • बौद्ध धर्म की एक शाखा

Noun, Masculine

  • a faction of Buddhism

हीन-यान के हिंदी अर्थ

हीनयान

संज्ञा, पुल्लिंग

  • बौद्ध सिद्धांत की एक प्रारंभिक और प्राचीन शाखा जिसके ग्रंथ पाली भाषा में हैं तथा जिसमें त्याग, वैराग्य आदि के द्वारा निर्वाण प्राप्त करने के लिए साधना की जाती थी

    विशेष
    . इस शाखा का प्रचार एशिया के दक्षिण भागों में, सिंहल, बर्मा और स्याम आदि देशों में है, इसी से यह 'दक्षिण शाखा' के नाम से भी प्रसिद्ध है। 'यान' का अर्थ है निर्वाण या मोक्ष की ओर ले जाने वाला रथ। हीनयान के सिद्धांत सीधे-सादे रूप में अर्थात् उसी रूप में हैं जिस रूप में गौतम बुद्ध ने उनका उपदेश किया था। पीछे 'महायान' शाखा में न्याय, योग, तंत्र आदि बहुत से विषयों के सम्मिलित होने से जटिलता आ गई। वैदिक धर्मानुयायी नैयायिकों के साथ खंडन मंडन में प्रवृत्त होने वाले बौद्ध महायान शाखा के थे, जो क्षणिकवाद आदि सिद्धांतों पर बहुत जोर देते थे। हीनयान आराधना और उपासना का तत्व न रहने से जन-साधारण के लिए रूखा था क्योंकि इस शाखा के अनुयायी बुद्धवचन को प्रमाण मानते हैं। इससे 'महायान शाखा' के बहुत अनुयायी हुए जो बुद्ध, बोधिसत्वों, बुद्ध की शक्तियों (जो तांत्रिकों की महाविद्याएँ हैं) आदि के अनुग्रह के लिए पूजा और उपासना में प्रवृत्त रहने लगे। इससे 'हीनयान' का यह अर्थ लिया गया कि उसमें बहुत कम लोगों के लिए जगह है।

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