hiranyagarbh meaning in hindi

हिरण्यगर्भ

हिरण्यगर्भ के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

हिरण्यगर्भ के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वह ज्योतिर्मय अंड जिससे ब्रह्मा और सारी सृष्टि की उत्पत्ति हुई, वह दिव्यज्योति जो सृष्टि का सृजक मानी जाती है
  • ब्रह्मा

    विशेष
    . ब्रह्मा ने जल या समुद्र की सृष्टि करके उसमें अपना बीज डाला, जिससे एक अत्यंत देदीप्यमान ज्योतिर्मय या स्वर्णमय अंड की उत्पत्ति हुई। यह अंड सूर्य से भी अधिक प्रकाशमान् था। इसी अंड से सृष्टिनिर्माता ब्रह्मा प्रकट हुए जो ब्रह्मा के व्यक्त या सगुण रुप हुए। वेदांत की व्याख्या के अनुसार ब्रह्मा की शक्ति या प्रकृति पहले रजोगुण की प्रवृति से दो रुपों में विभक्त होती है—सत्वप्रधान और तमःप्रधान। सत्वप्रधान के भी दो रूप हो जाते हैं—शुद्ध सत्व। (जिसमें सत्वगुण पूर्ण होता है) और अशुद्ध सत्व (जिसमें सत्व अंशतः रहता है)। प्रकृति के इन्हीं भेदों में प्रतिबिंबित होने के कारण ब्रह्मा कभी ईश्वर या हिरण्यगर्भ और कभी जीव कहलाता है। जब शक्ति या प्रकृति के तीन गुणों में से शुद्ध सत्व का उत्कर्ष होता है तब उसे 'माया' कहते हैं, और उस माया में प्रतिबिंबित होने वाले ब्रह्मा को सगुण या व्यक्त ईश्वर, हरिण्यगर्भ आदि कहते हैं। अशुद्ध सत्व की प्रधानता को 'अविद्या' सत्व कहते हैं उसमें प्रतिबिंबित होने वाले ब्रह्मा को जीव या प्राज्ञ कहते हैं।

    उदाहरण
    . सृष्टि की समस्या के सुलझाव के लि स्वभावतः एक स्त्रष्टा की कल्पना हुई और उसे पुरुष विश्वकर्मा, हिरण्य़गर्भ और प्रजापति की संज्ञाएँ दी गई।

  • सूक्ष्म शरीर से युक्त आत्मा, प्राण
  • एक मंत्रकार ऋषि
  • एक शिवलिंग
  • विष्णु
  • षोडश महादान के अंतर्गत द्वितीय महादान

विशेषण

  • ब्रह्मा से संबद्ध, ब्रह्मा संबंधी

हिरण्यगर्भ के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

हिरण्यगर्भ के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • an epithet of Brahmā:, mythologically born of a gold egg

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