ho.ii meaning in braj
होई के ब्रज अर्थ
स्त्रीलिंग
- उत्सव विशेष जो दीवाली के आठ दिन पूर्व होता है
होई के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
एक पूजन या त्यौहार जो दीवाली के आठ दिन पहले होता है , दे॰'अहोई'
विशेष
. इस पूजन को अहोई अष्टमी भी कहते हैं । यह संतान- प्राप्ति की कामना से की जाती है । इसमें ऐसी दो स्त्रियों की कथा कही जाती है जिनमें एक को संतान होती ही नहीं थी तथा दूसरी की संतान होकर मर जाती थी ।
होई के कन्नौजी अर्थ
- देखिए : 'अहोई'
होई के बघेली अर्थ
सर्वनाम
- वहीं, वहीं पर
होई के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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