i.ihaamrig meaning in braj

ईहामृग

ईहामृग के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • अथवा - ईहमृग, `ईहाँमृग

ईहामृग के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • मृगतृष्णा

पुल्लिंग

  • नाटक का भेद विशेष जिसमें नायक और नयिका किसी देवी और देवता के अवतार होते हैं, ईहि सर्व यह

ईहामृग के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • नाटक का एक भेद जिसमें चार अंक होते हैं, इसका नायक इश्वर या किसी देवता का अवतार औऱ नायिका दिव्य स्त्री होती हैं जिसके कारण युद्ध होता है, इसकी कथा प्रसिद्ध और कुछ कल्पित होती है, कुछ लोग इसमें एक ही अंक मानते हैं, मृग के तुल्य अलभ्य कामिनी की नायक इसमें ईहा करते है, अत:इसे ईहामृग कहते हैं
  • भेडिया

ईहामृग के पर्यायवाची शब्द

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ईहामृग के तुकांत शब्द

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