iikh meaning in kannauji
ईख के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- गन्ना, गन्ना का खेत
ईख के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- शर जाति का एक प्रकार जिसके डंठल में मीठा रस भरा रहता हैं । इसके रस से गुड़ चीनी और मिश्री अदि बनती हैं । ड़ंचल में ६-६ या ७-७ अंगुर पर गाँठें होता हैं और सिरे पर बहुत लंबी लंबी पत्तयाँ होती हैं, जिन्हें गेंड़ा कहते हैं । विशेष— भारतवर्ष में इसकी बुआई चैत बैसाख में होती हैं । कार्तिक तक यह पक जाती हैं, अर्थात् इसका रस मीटा हो जाता है और कटने लगती है । ड़ंठलों को कोल्हू में पेरकर रस निकालते हैं । रस को छानकर कड़ाहे में औटाते हैं । जब रस पककर सूख जाता है तब गुड़ कहलाता है । यदि राब बनाना हुआ तो औटाते समय कड़ाहे में रेंड़ी की गूदी का पुट देते हैं । जिससे रस फट जाता है और ठंढा होने पर उसमें कलमें वा रवे पड़ जाते हैं । इसी राब से जूसी या चोटा दूर करके खाँड़ बनाते हैं । खाँड़ और गुड़ गला कर चीनी बनाते हैं । ईख के तीन प्रधान भेद माने गए हैं । ऊख, गन्ना और पौंढ़ा । (क) ऊख— इसका ड़ंठल पतला, छोटा और कड़ा होता है । इसका कड़ा छिलका कुछ हरापन लिये हुए पीला होता है और जल्दी छाला नहीं जा सकता । इसकी पत्तियाँ पतली, छोटी, नरम और गहरे हरे रंग की होती है । इसकी गाँटों में उतनी जटाएँ नहीं होतीं, केवल नीचे दो तीन गाँठों तक होती हैं । इसकी आँखें, जिनसे पत्तियाँ निकलती हैं, दबी हुई होती हैं । इसके प्रधान भेद धौल, मतना, कुसवार, लखड़ा, सरौती आदि हैं । गुड़ चीनी आदि बनाने के लिये अधिकतर इसी की खेती होती है । (ख) गन्ना- यह ऊख से मोटा और लंबा होता है । इसकी पत्तियाँ ऊख से कुछ अधिक लंबी और चौड़ी होती हैं । इसकी छिलका कड़ा होता है, पर छीलने से जल्दी उतर जाता है , इसकी गाँठों में जटाएँ अधिक होती हैं , इसके कई भेद हैं; जैसे, — अगौल, दिकचन, पंसाही, काला गन्ना, केतारा, बड़ौखा, तंक, गोड़ार , इससे जो चीनी बनती हैं , उसका रंग साफ नहीं होता , (ग) पोंढ़ा— यह विदेशी है , चीन, मारिशस (मिरच का टापू), सिंगापुर इत्यादि से इसकी भिन्न भिन्न जातियाँ आई हैं इसका ड़ंठल मोटा और गूदा नरम होता हैं , छिलका कड़ा होता है और छीलने से बहुत जल्दी उतर जाता है , यह यहाँ अधिकतर रस चूसने के काम में आता है , इसके मुख्य भेद थून, काल गन्ना और पौंठा हैं , राजनिघंटु में ईख के इतने भेद लिखे हैं- पौंड्रक (पौंढ़ा) भीरुक, वंशक (बड़ौखा), शतपोरक (सरौती), कांतार (केतारा), तापसेक्षु, काष्टेक्षु (लखड़ा), सूचिरपत्रक, नैपाल, दीर्घपत्र, नीलपोर (काल गेड़ा), कोशकृत (कुशवार या कुसियार)
ईख के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएईख के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएईख के ब्रज अर्थ
स्त्रीलिंग
-
ऊख , गन्ना
उदाहरण
. हीरा तो हलाहल है, ईख रस लीजिये ।
सकर्मक क्रिया, सकर्मक
- देखना
अन्य भारतीय भाषाओं में ईख के समान शब्द
पंजाबी अर्थ :
इक्ख - ਇੱਖ
गन्ना - ਗੱਨਾ
गुजराती अर्थ :
शेरडी - શેરડી
उर्दू अर्थ :
ईख - ایکھ، گنا
गन्ना - گنا
कोंकणी अर्थ :
कोबु
ऊस
ईख के तुकांत शब्द
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