indra meaning in garhwali
इंदर के गढ़वाली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- इन्द्र, देवराज
Noun, Masculine
- INDRA- the king of Gods, God of rains.
इंदर के अँग्रेज़ी अर्थ
Adjective
- the chief of gods
Noun, Masculine
- the king of the gods
- the god of rains
इंदर के हिंदी अर्थ
इंद्र
संस्कृत ; विशेषण
- जो किसी भी क्षेत्र का प्रमुख हो
- एश्वर्यावान् , विभूतिसंपन्न
- जिसके पास धन-दौलत हो या जो धन से संपन्न हो
- श्रेष्ठ , बड़ा
- —देवेंद्र , नरेंद्र , यादवेंद्र , योगींद्र , दानवेंद्र , सुरेंद्र
- जो किसी भी क्षेत्र का प्रमुख हो
- जिसके पास धन-दौलत हो या जो धन से संपन्न हो
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- एक देवता जो स्वर्ग तथा देवताओं के अधिपति माने जाते हैं
- देवताओं का स्वामी
- दे. इंद्र
-
एक सर्वप्रमुख वैदिक देवता जिसका स्थान अंतरिक्ष है जो और पानी बरसाता है , यह देवताओं का राजा माना गया है , शौर्य, युद्ध और वैभव का वह सर्वश्रेष्ठ वैदिक देव है , ऋग्वेद में सबसे अधिक सूक्यों द्वारा इंद्र के शौर्य, वीर्य, पराक्रम और सोमपान आदि का वर्णन किया गया है , ऋग्वेदयुगीन वैदिक यज्ञों में भी उसका इत्पंत प्रमुख स्थान है
विशेष
. इसका वाहन ऐरावत और अस्त्र वज्र है । इसकी स्त्री का नाम शचि और सभा का नाम सुधर्मा है, जिसमें देव, गंधर्व और अप्सराएँ रहती हैं । इसकी नगरी अमरावती और वन नंदन है । उच्चैःश्रवा इसका घोड़ा और मातलि सारथी है । वृत्र, त्वष्टा, नमुचि, शंवर, पण, वलि और विरोचन इसके शत्रु हैं । जयंत इसका पुत्र है । यह ज्येष्ठा नक्षत्र और पूर्व दिशा का स्वामी है । पुराण के अनुसार एक मन्वंतर में क्रमशः चौदह इंद्र भोग करते हैं जिनके नाम ये है—इंद्र । विश्वभुक् । विपश्चित् । विभु । प्रभु । शिखि । मनोजव । तेजस्वी । बलि । अदभुत । त्रिदिव । सुशांति । सुकीर्ति । ऋत धाता । दिवस्पति । वर्तमान काल में तेजस्वी इंद्र कर रहे हैं । - छप्पय छंद का एक प्रकार
- एक वैदिक देवता जो पानी बरसाता है
-
—इंद्र का अखड़ा = (१) इंद्र की समा जिसमें अप्सराएँ नाचती हैं , (२) बहुत सजी हुई सभा जिसमें खूब नाच रंग होता हो , इंद्र की परी = (१) अप्सरा , (२) बहुत सुंदरी स्त्री , इंद्रसभा=इंद्र का अखाड़ा
उदाहरण
. इंद्रसभा जनु परिगै डीठी । - बारह आदित्यों में से एक
- स्वर्ग का राजा
- बारह आदित्यों में से एक , सूर्य
- व्याकरण के एक प्राचीन विद्वान
- स्वामी; राजा; प्रधान
- बिजली
-
एक देवता जो स्वर्ग तथा देवताओं के अधिपति माने जाते हैं
उदाहरण
. वेदों में इंद्र की आराधना का उल्लेख है । - दाहिनी आँख की पुतली
- राजा , मालिक , स्वामी
-
छप्पय छंद का एक प्रकार
उदाहरण
. ये छंद इंद्र के अच्छे उदाहरण हैं । - दस और चार के जोड़ से प्राप्त संख्या
- ज्येष्ठा नक्षत्र
-
बारह आदित्यों में से एक
उदाहरण
. इंद्र का वर्णन पौराणिक कथाओं में मिलता है । - वह काल जब चंद्रमा ज्येष्ठा नक्षत्र में होता है
- चौदह की संख्या
- एक जंगली पेड़
-
व्याकरण के एक प्राचीन विद्वान
उदाहरण
. इंद्र व्याकरण के पहले आचार्य माने गये हैं । - ज्योतिष में विष्कु भादिक २७ योगों में से २६वाँ
- दाहिनी आँख की पुतली
- सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच का समय
- कुटज वृक्ष ९
- किसी देश का प्रधान शासक और स्वामी
- दस और चार के जोड़ से प्राप्त संख्या
- रात
- पृथ्वी पर के जल से निकली हुई वह भाप जो घनी होकर आकाश में फैल जाती है और जिससे पानी बरसता है
- वह काल जब चंद्रमा ज्येष्ठा नक्षत्र में होता है
- छप्पय छंद के भेदों सें से एक
- दाहिनी आँख की पुतली
- एक जंगली पेड़
- व्याकरण आदि के आचार्य का नाम
- जीव , प्राण
- सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच का समय
- श्रेष्ठ या प्रधान व्यक्ति [को॰]
- किसी देश का प्रधान शासक और स्वामी
- मेघ , बादल (को॰)
- पृथ्वी पर के जल से निकली हुई वह भाप जो घनी होकर आकाश में फैल जाती है और जिससे पानी बरसता है
- भारतवर्ष का एक भाग (को॰)
- परमेश्वर (को॰)
- वनस्पतिजन्य एक प्रकार का जहर [को॰]
इंदर के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएइंदर के अंगिका अर्थ
इन्दर
संज्ञा, पुल्लिंग
- इन्द्र
इंदर के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- इन्द्र, 1. देवताओं के राजा. 2. वर्षा का देवता
इंदर के कुमाउँनी अर्थ
इन्द्र
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- इन्द्र देवता, दे० इन्द्र
संज्ञा, पुल्लिंग
- दे० इंदर
इंदर के बुंदेली अर्थ
इंद्र
संज्ञा, पुल्लिंग
- देवताओं का राजा, जल बरसाने वाला देवता
इंदर के ब्रज अर्थ
इंद्र
विशेषण, पुल्लिंग
-
वर्षा के देवता , देवराज इंद्र
उदाहरण
. गिरि कर धारि इन्द्र-मद मरद्यौं। - ऐश्वर्यवान
- श्रेष्ठ , उत्तम
इंदर के मगही अर्थ
अरबी ; संज्ञा
- इन्द्र, एक देवता जिन्हें देवताओं का राजा कहा गया है
इंदर के मैथिली अर्थ
इंद्र
संज्ञा
- स्वर्गक राजा, वर्षाक अधिपति
Noun
- mythical king of Gods and controller of cloud.
इंदर के मालवी अर्थ
इन्दर
संज्ञा, पुल्लिंग
- राजा इन्द्र, इन्द्रदेव
इंद्र के तुकांत शब्द
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