जमदग्नि

जमदग्नि के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • अथवा - जमदगनि, जमदगिनी

जमदग्नि के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक ऋषि

जमदग्नि के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्राचीन गोत्रकार वैदिक ऋषि जिनकी गणना सप्तर्षियों में की जाती है और जो भृगुवंशी ऋचीक ऋषि के पुत्र तथा परशुराम के पिता थे

    विशेष
    . वेदों में जमदग्नि के बहुत से मंत्र मिलते हैं। ऋग्वेद के अनेक मंत्रों से जाना जाता है कि विश्वामित्र के साथ ये भी वशिष्ठ के विपक्षी थे। ऐतरेय ब्राह्मण हरिश्रंद्रोपाख्यान में लिखा है कि हरिश्चंद्र के नरमेघ यज्ञ में ये अध्वर्यु हुए थे। जमदग्नि का जिक्र महाभारत, हरिवंश और विष्णु पुराण में आया है। जमदग्नि ने राजा प्रसेनजित् की कन्या रेणुका से विवाह किया था और उसके गर्भ से उन्हें रुमण्वान्, सुषेण, वह, विश्वाबहु और परशुराम नाम के पाँच पुत्र उत्पन्न हुए थे। जमदग्नि की मृत्यु के संबंध में विष्णु पुराण में लिखा है कि एक बार हैहय के राजा कार्तवीर्य उनके आश्रम से उनकी कामधेनु ले गए थे। इस पर परशुराम ने उनका पीछा करके उनके हजार हाथ काट डाले। जब कार्तवीर्य के पुत्रों को यह बात मालूम हुई, तब लोगों ने जमदग्नि के आश्रम पर जाकर उन्हें मार डाला।

जमदग्नि के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

जमदग्नि के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक वैदिक ऋषि जो परशुराम पिता और सप्तर्षियों में गिने जाते हैं

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