jnaaneendriy meaning in braj

ज्ञानेंद्रिय

ज्ञानेंद्रिय के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

ज्ञानेंद्रिय के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • नेत्र, कर्ण, नासिका, जिह्वा, चर्म- ये ज्ञानेंद्रियाँ कही जाती हैं

ज्ञानेंद्रिय के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • वे इंद्रियाँ जिनसे जीवों क्रो विषयों का बोध या ज्ञान होता है , ज्ञानोंद्रियाँ पाँच हैं,-दर्शनें— द्रिय, श्रवणेंद्रिय, घ्रणोंद्रिय, रसना और स्पर्शेंद्रिय

    विशेष
    . इन इंद्रियों के गोलक या आधार क्रमशः आँख, कान, जीभ, नाक और त्वक् हैं । इन पाँचों के अतिरिक्त कोई कोई छठी इंद्रिय मन या अंतःकरण मानते हैं पर मन केवल ज्ञानेद्रिय नहीं है कर्मोंद्रिय भी है अतः उसे दार्शनिकों ने उभयात्मक माना है ।

ज्ञानेंद्रिय के पर्यायवाची शब्द

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