ज्वार

ज्वार के अर्थ :

ज्वार के हिंदी अर्थ

संस्कृत, हिंदी ; संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • एक अन्न
  • ज्वार नामक अनाज
  • ख़रीफ़ की फ़सल में होने वाला एक मोटा अनाज; एक प्रसिद्ध पौधा और उसके दाने या बीज, जिनकी गिनती अनाज में होती है
  • एक अन्न
  • एक प्रकार का पौधा जिसके दाने अनाज के रूप में प्रयोग होते हैं
  • चंद्रमा के आकर्षण के कारण समुद्र के जल का ऊपर उठना
  • देखिए : 'ज्वार'

    उदाहरण
    . लह लह जोति जुवार की अरु गँवारि की होति ।

  • एक अन्न
  • एक प्रकार का पौधा जिसके दाने अनाज के रूप में प्रयोग होते हैं
  • 'भाटा' का विलोम
  • एक प्रकार की घास जिसकी बाल के दाने मोटे अनाजों में गिने जाते हैं

    विशेष
    . यह अनाज संसार के बहुत से भागों में होता है । भारत, चीन, अरब, अफ्रीका, अमेरिका आदि में इसकी खेती होती है । ज्वार सूखे स्थानों में अधिक होती है, सीड़ लिए हुए स्थानों में उतनी नहीं हो सकती । भारत में राज- पूताना, पंजाब आदि में इसका ब्यवहार बहुत अधिक होता है । बंगाल, मद्रास, बरमा आदि में ज्वार बहुत कम बोई जाती है । यदि बोई भी जाती है तो दाने अच्छे नहीं पडते । इसका पौधा नरकट की तरह एक डंठल के रूप में सीधा ५—६ हाथ ऊँचा जाता है । डठल में सात सात आठ आठ अंगुल पर गाँठें होती हैं जिनसे हाथ डेढ़ हाथ लंबे तलवार के आकार के पत्ते दोनों ओर निकलते हैं । इसके सिरे पर फूल के जीरे और सफेद दानों के गुच्छे लगते हैं । ये दाने छोटे छोटे होते हैं और गेहूँ की तरह खाने के काम में आते हैं । ज्वार कई प्रकार की होती है जिनके पौधों में कोई विशेष भेद नहीं दिखाई पड़ता । ज्वार की फसल दो प्रकार की होती है, एक रबी, दूसरी खरीफ । मक्का भी इसी का एक भेद है । इसी से कहीं कहीं मक्का भी ज्वार ही कहलता है । ज्वार को जोन्हरी, जुंडी आदि भी कहते हैं । इसके डंठल और पौधे को चारे के काम में लाते हैं और चरी कहते हैं । इस अन्न के उत्पत्तिस्थान के संबंध में मतभेद है । कोई कोई इसे अरब आदि पश्चिमी देशों से आया हुआ मानते हैं और 'ज्वार' शब्द को अरबी 'दूरा' से बना हुआ मानते हैं, पर यह मत ठीक नहीं जान पड़ता । ज्वार की खेती भारत में बहुत प्राचीन काल से होती आई है । पर यह चारे के लिये बोई जाती थी, अन्न के लिये नहीं ।

  • एक अन्न

    उदाहरण
    . ज्वार, बाजरा आदि मोटे अन्न के अंतर्गत आते हैं ।

  • एक प्रकार का पौधा जिसके दाने अनाज के रूप में प्रयोग होते हैं
  • ससुद्र के जल की तरंग का चढ़ाव , लहर की उठान , भाटा का उलटा

    विशेष
    . दे॰'ज्वारभाटा' ।

  • एक प्रकार का पौधा जिसके दाने अनाज के रूप में प्रयोग होते हैं

    उदाहरण
    . खेतों में ज्वार लहलहा रही है ।

  • ज्वार
  • समुद्र के जल की ख़ूब लहराते हुए आगे बढ़ने या ऊपर उठने की अवस्था

    उदाहरण
    . समुद्र में बराबर ज्वार और भाटा आते-जाते रहते हैं ।

  • ज्वार, ज्वार भाटा, समुद्र की लहरों का उतार, ज्वार नामक अनाज
  • ज्वार
  • एक प्रसिद्ध पौधा और उसके दाने या बीज जिनकी गिनती अनाजों में होती है
  • समुद्र, उससे संबद्ध नदियों की वह स्थिति जब कि उनमें ऊँची-ऊँची तरंगें उठ रही हों, ' भाटा ' का विपर्याय, विशेष-चन्द्रमा और सूर्य के आकर्षण के फलस्वरूप दिन-रात में एक बार बहुत ऊँची-ऊँची लहरें उठती हैं जिसे ज्वार कहते हैं और दूसरी बार यह लहरें बिलकुल थम जाती हैं जिससे संबद्ध नदियों का पानी बहुत उतर या घट जाता है, इसी को भाटा कहते हैं, अमावास्या और पूर्णिमा के दिन ज्वार का रूप बहुत ही उग्र या प्रबल होता है, * स्त्री० = ज्वाला

हिंदी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • देखिए : 'ज्वार'

    उदाहरण
    . जाएखने दितहु आलिंगन गाढ़ । जनि जुआर परुसे खेलपाढ़ ।

ज्वार के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

ज्वार के यौगिक शब्द

संपूर्ण देखिए

ज्वार के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine, Feminine

  • flood tide
  • (great) millet

ज्वार के अवधी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • मक्का, ज्वार; (ज्वार की फसल)

ज्वार के कन्नौजी अर्थ

जुआर, जुवार

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • ज्वार, जुँदड़ी, जुँदरी

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • ज्वार

ज्वार के बुंदेली अर्थ

जुआर

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • ज्वार, जड़ी, बेला, समय, जून, उदा. शाम को कोई जुआर सवेरे

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • ज्वार, जुआर
  • जुड़ी ज्वार

ज्वार के ब्रज अर्थ

जुवारि

स्त्रीलिंग

  • एक धान्य विशेष ; समुद्र के जल का ऊपर उठना

ज्वार के मगही अर्थ

अरबी ; संज्ञा

  • समुद्र में तट की ओर आती तरंग; नदी, तालाब में हवा से उठता हलफा, लहर; एक प्रकार का बाजड़ा का पौधा और उसका दाना, ज्वार

ज्वार के मालवी अर्थ

जवार, जुआर

संज्ञा, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • अनाज, समुद्र का तूफान।

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