कऽ

कऽ के अर्थ :

कऽ के गढ़वाली अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का प्रथम व्यंजन वर्ण

प्रत्यय

  • शब्द के अंत में प्रत्यय के रूप में लगकर का, के, को, के लिये, हेतु, कर, बाद आदि अर्थ का द्योतक
  • पढ़ लिख कर के

    उदाहरण
    . कै क-

  • किसको या किसके लिये,

    उदाहरण
    . कै क-

  • किसका,

    उदाहरण
    . केकु

  • क्यों

विशेषण

  • कहाँ?

  • the first consonant of the Devanagari alphabet.

Suffix

  • a morpheme suffixing the word meaning- of, for, after, etc.

    उदाहरण
    . पढ़ी लिखी क


Adjective

  • where?.

कऽ के अँग्रेज़ी अर्थ

  • the first consonant and the first member of the first pentad (i.e. कवर्ग) of the Devna:gri: alphabet

कऽ के हिंदी अर्थ

  • हिंदी वर्णमाला का पहला व्यंजन वर्ण, इसका उच्चारण कंठ से होता है, इसे स्पर्श वर्ण भई कहते हैं, ख, ग, घ और ङ इसके सवर्ण हैं

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • ब्रह्मा
  • विष्णु
  • कामदेव
  • सूर्य
  • प्रकाश
  • प्राजापति
  • दक्ष
  • अग्नि
  • वायु
  • राजा
  • यम
  • आत्मा
  • मन
  • शरीर
  • काल, समय
  • धन
  • मयूर
  • शब्द
  • ग्रंथि, गाँठ
  • जल

    उदाहरण
    . ति न नगर न नागरी, प्रतिपद हंस क हानि।

  • गरुड़
  • आनंद, सुख
  • मस्तक
  • सुवर्ण
  • पक्षी
  • केश, बाल
  • केशगुच्छ
  • स्त्री का करण या क्रिया
  • दुग्ध, दूध
  • कृपणता
  • विष
  • भय

हिंदी ; विशेषण

  • का

    उदाहरण
    . सुवा क बेल पवन होइ लागा ।

  • को

    उदाहरण
    . राम निकाई रावरी, है सबही को नीक । जो यह साची है सदा, तौ नीको तुलसीक ।


फ़ारसी ; अव्यय

  • की, या, अथवा

    उदाहरण
    . कागल नहीं क मस नहीं, नहीं क लेखणहार ।

कऽ के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

कऽ के अंगिका अर्थ

  • हैय अंगिका वर्णमाला रॉ पैहिलों व्यंजन वर्ण छै । हेकरों उच्चारण स्थान कंठ छै

कऽ के अवधी अर्थ

क, का

  • क्यों, कहो

    उदाहरण
    . क भैया; क रे, क्यों रे; क बाबा! कहो बाबाजी!

  • (२) संबंध कारक का सूचक, जो ‘कै', का अथवा 'कर' का रूप है

    उदाहरण
    . रामराज क माई-रामराज की माँ (दे० कर, कै)

  • कभी-कभी 'को' के अर्थ में कर्म कारक का चिह्न

    उदाहरण
    . वन क मारब-उनको मारूँगा, जिसमें 'क' वास्तव में 'का' 'काँ' अथवा 'कह' का सूक्ष्म रूप है

कऽ के कन्नौजी अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला के 'क' वर्ग का पहला व्यंजन वर्ण. इसका उच्चारण-स्थान कंठ है

कऽ के बुंदेली अर्थ

  • हिन्दी वर्णमाला देवनागरी लिपि का प्रथम व्यंजन वर्ण, इसका उच्चारण स्थान कण्ठ्य है, हीन अर्थद्योतक उपसर्ग, सं.पु.

कऽ के ब्रज अर्थ

क, फेंक

  • नागरी वर्णमाला का प्रथम व्यंजन

  • फेंकना

कऽ के मैथिली अर्थ

  • वर्णमालाक प्रथम व्यञ्जन

  • the first consonant of alphabet.

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