काकजंघा

काकजंघा के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

काकजंघा के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक प्रकार की वनस्पति, चकसेनी, मसी

    विशेष
    . इसका पौधा तीन-चार हाथ तक ऊँचा होता है। इसके डंठल में चार-पाँच अंगुल पर फूली हुई गाँठें होती हैं। गाँठों पर डंठल कुछ टेढ़ा रहता है जिससे वह चिड़िया की टाँग की तरह दिखाई देता है। प्रत्येक पुरानी मोटी गाँठ के भीतर एक छोटा कीड़ा होता है जो बच्चों की पसली फड़कने में दवा की तरह दिया जाता है। इसकी पत्तियाँ इंच-डेढ़ इंच लंबी होती हैं। वैद्यक में काकजंघा कफ़, पित्त, खुजली, कृमि और फोड़े-फुंसी को दूर करने वाली मानी जाती है।

  • गुंजा, घुँघची
  • मुगौन या मुगवन नाम की लता

काकजंघा के अवधी अर्थ

कागजंघा

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक घास जो दवा में काम आती है

    विशेष
    . इसके छोटे पौधे की शाखाएँ कौए की टाँगों की भाँति होती हैं, इसी से इसका यह नाम पड़ा है।

काकजंघा के ब्रज अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • चकसेनी नामक औषधि विशेष, मसी
  • गुंजा, घुँघची

काकजंघा के तुकांत शब्द

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