काँप

काँप के अर्थ :

काँप के बज्जिका अर्थ

संज्ञा

  • कंपन काँड़ा के पत्तों का तेज़ किनारा

काँप के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • बाँस या किसी और चीज की पतली लचीली तीली जो झुकाने से झुक जाय
  • पतंग या कनकौवे की वह पतली तीली जो धनुष की तरह झुकाकर लगाई जाती है
  • सुअर का बाहर निकला हुआ दाँत; खाँग
  • हाथी की दाँत
  • कान में पहनने का सोने का गहना

    विशेष
    . विशेष — यह पते के आकार का होता और पहनने पर हीला करता है । स्त्रियाँ इसे पाँच पाँचया सात सात करके कान की बाली में पहनती हैं । यह जड़ाऊ भी होता है ।

  • करनफूल
  • कलई का चूना

काँप के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • बांस की पहली लचीली तीली, कान का एक जेवर, सुअर का दांत

काँप के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • बांस आदि की पतली, लचीली तीली
  • पतंग की धनुषाकार तीली; हाथी का दाँत ; कर्णफूल ; कलई, चूना

अकर्मक क्रिया

  • हिलना , थरथराना

    उदाहरण
    . तन भयो सिथल चरन काँपत ।

काँप के मगही अर्थ

हिंदी ; संज्ञा

  • कंपन, काँपने की क्रिया या भाव; बाँस की पतली तीली जिससे झाडू आदि बनाते हैं; पतंग की कमाची; धारदार पतली सींक; धारदार वस्तु; कुछ पौधों (ईख, सरकंडा आदि) की पत्तियों की तेज धार

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