ka.Dhnii meaning in braj
कढ़नी के ब्रज अर्थ
स्त्रीलिंग
- मथानी घुमाने की रस्सी
कढ़नी के हिंदी अर्थ
कढ़नी
संस्कृत ; संज्ञा, स्त्रीलिंग
- वह रस्सी जिससे दूध, दही आदि मथकर उसमें से मक्खन निकालने के लिए मथानी घुमाई जाती है, नेती
हिंदी ; संज्ञा, स्त्रीलिंग
- बरसात में जमीन की वह अंतिम जुताई जिसके बाद अनाज बोया जाता है
हिंदी ; विशेषण, स्त्रीलिंग
- निकालने वाली, यह प्रयोग समस्त पद के अंत में आता है, जैसै, —कसीदा- कढ़नी, खूँटकढ़नी
कढ़नी के अंगिका अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- मथानी, मयाने की रस्सी
कढ़नी के मगही अर्थ
संज्ञा
- राजमिस्त्री का एक औजार, दे.'करनी'
कढ़नी के तुकांत शब्द
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