kagar meaning in braj
कगर के ब्रज अर्थ
क्रिया-विशेषण, पुल्लिंग
- कुछ उठा हुआ किनारा
- मेड
- किनारे पर ; निकट ; अलग
कगर के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
- कुछ उठा हुआ किनारा, कुछ ऊँचा किनारा
- बाट, औंठ, बारी
- मेंड़, झाँड़
- छत या छाजन के नीचे दीवार में रीढ़ सी उभड़ी हुई लकीर जो खूबसूरती के लिये बनाई जाती है, कारनिस, कँगनी
हिंदी ; क्रिया-विशेषण
- किनारे पर, किनारे
- समीप, निकट
-
अलग, दूर
उदाहरण
. जसुमति तेरो बारो अतिहि अचगरो । दूध, दही माखन लै डार दियो सगरो । लियो दियो कछु सोऊ डारि देहु कगरो । सूर॰ (शव्द॰) ।
कगर के गढ़वाली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- पीठ, रीढ़
Noun, Masculine
- back, backbone, spine.
कगर के बघेली अर्थ
अव्यय
- एक किनारे, एकान्त, अलग, एक ओर
कगर के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- किनारा, नदी या किसी उँचे स्थान का किनारा
कगर के तुकांत शब्द
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