कैवल्य

कैवल्य के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

कैवल्य के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • निर्लिप्त या विशुद्ध होने का भाव, अनासक्ति भाव, निर्लिप्तता, शुद्धता
  • जीव की जन्म और मरण के बंधन से छूट जाने की अवस्था, मुक्ति, अपवर्ग, निर्वाण

    विशेष
    . दर्शनों का यह सिद्धांत है कि जीवात्मा या तो आवरणों के कारण अथवा अविद्या से भ्रमवश संसार में सुख-दुःख भोग रही है। उसे शुद्ध या भ्रमरहित करना ही शास्त्रों ने अपना परम कर्तव्य समझा है और उसके भिन्न-भिन्न साधन बतलाए हैं। सांख्य शास्त्र में— त्रिबिध दुःखों की अत्यत निवृत्ति को कैवल्य माना है और विवेक को उसका एकमात्र साधन बतलाया है। योगशास्त्र में विशेषदर्शी आत्मभाव की भावना अर्थात् अहंकार की निवृत्ति को कैवल्य बतलाया है और चित्त की वृत्तियों के निरोध को ही उसका साधन कहा है। वेदांत में अद्वितिय ब्रह्मभाव की प्राप्ति को कैवल्य माना है और अविद्या की निरोध को इसका साधन ठहराया है। न्याय में दुःख की अत्यंत विमुक्ति को कैवल्य या अपर्वग कहा और उसका साधन प्रमादि षोडश पदार्थों का तत्वज्ञान बतलाया है।

  • एक उपनिषद का नाम

कैवल्य के यौगिक शब्द

संपूर्ण देखिए

कैवल्य के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • the Ultimate Realisation, Eternal Emancipation, Perfect Liberation

कैवल्य के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • निर्लिप्तता
  • मुक्ति, अपवर्ग
  • उपनिषद विशेष

कैवल्य के मैथिली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मोक्ष

Noun, Masculine

  • salvation from worldly tie

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