कलि

कलि के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

कलि के हिंदी अर्थ

संज्ञा, क्रिया-विशेषण, विशेषण, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

  • बहेड़े का फल या बीज

    विशेष
    . वामन पुराण में ऐसी कथा है कि जब दमयती ने नल के गले में जयमाल डाली, तब कलि चिढ़कर नल से बदला लेने के लिये बहेड़े के पेड़ों में चल गया, इससे बहेड़े का नाम 'कलि' पड़ा । २

  • पासे कै खेल में वह गोटी जो उठी न हो

    विशेष
    . ऐतरेय ब्राह्मण से पता लगता है कि पहले आर्य लोग बहेड़े के फलों से पासा खेलते थे । ३

    उदाहरण
    . कलि [नामक पासा] सो गया है, द्वापर स्थान छोड़ चुका है, त्रेता अभी खड़ा है, कृत चल रहा है [तेरी सफलता की संभावना है] परिश्रम करता जा ।

  • पासे का वह पार्श्व जिसमें एक ही बिंदी हो
  • कलह , विवाद , झगड़
  • पाप
  • चार युगों में से चौथा युग जिसमें देवताओं के १२०० वर्ष या मनुष्यो के ४३२००० वर्ष होते हैं , विशेष—पुराणों के मत से इसका प्रारंभ ईसा से ३१०२ वर्ष से पूर्व माना जाता है , इसमें दुराचार और अधर्म की अधिकता कहीं गई
  • छंद में टगण का एक भेद जिसमें क्रम से दो गुरु और दो लघु होते हैं (ऽऽ, , )
  • पुराण के अनुसार क्रोध का एक पुत्र जो हिंसा से उत्पन्न हुआ था , इसकी बहन दुरुक्ति और दो पुत्र, भय और मृत्यु हैं ९
  • एक प्रकार के देव गंधर्व जो कश्यप और दक्ष की कन्या से उत्पन्न हैं
  • शिव का एक नाम
  • सूरमा , वीर , जवाँमर्द
  • तरकश
  • क्लेश , दुख
  • संग्राम , युद्ध

    उदाहरण
    . कलि कलेश कलि शूरमा कलि निषंग संग्राम । कलि कलियुग यह और नहिं केवल केशव नाम ।

  • श्याम, काला

    उदाहरण
    . श्वेत लाल पीरे युग युग में । भे कलि आदि कृष्ण कलियुग में ।

  • 'कल'

    उदाहरण
    . तब कहै कुँअर सामंत सम, कलि आषेटक रंग । भयौ सुरसमै एक भल, आलस ही में गंग ।

  • कली

    उदाहरण
    . जैसे नव ऋति नव कलि आकुल नव अंजलि ।

  • वीणा का मूल

कलि के यौगिक शब्द

संपूर्ण देखिए

कलि के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • बिना खिला हुआ फूल

कलि के अवधी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • आराम, सुख, छुटकारा, (बीमारी से) फुरसत

कलि के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • दे०-कल, कली, फर्शी

कलि के गढ़वाली अर्थ

कली

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • फूल का प्रारम्भिक एवं अविकसित रूप

Noun, Feminine

  • bud, gusset.

कलि के ब्रज अर्थ

विशेषण, पुल्लिंग

  • कलियुग

    उदाहरण
    . भक्ति-मारग प्रगट करि कलि जननि देहु उपदेस ।

  • कलियुग प्रवर्तक-देवता; पुराणों के अनुसार क्रोध का एक पुत्र जो हिंसा से उत्पन्न हुआ है; शंकर का नाम ; छंद का एक भेद विशेष ; तरकश; कलह

    उदाहरण
    . सबै कलि को कुल मानी । के III, १६/६४५

  • पाप

    उदाहरण
    . काया कलि कोह मोह माया की कठिन है।

  • पाँसे का वह पहलू जिसमें एक बिन्दी खुदी हो, १०. बहेड़े का फल
  • काला; वीर

कलि के मगही अर्थ

संज्ञा

  • कलियुग, कलिकाल

कलि के मैथिली अर्थ

कलियुग

संज्ञा

  • पुराणक अनुसार चारि युगमे एक जाहिमे पाप सभसँ अधिक होइत अछि

Noun

  • the last quarter of the mythical life of universe, fig) the age of decline.

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