कमल

कमल के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

कमल के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कमल, जलज।

कमल के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • a lotus flower and its plant

कमल के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पानी में होनेवाला एक पौधा

    विशेष
    . विशेषजलवाचक सब शब्दों में ज', 'जात' आदि लगने से कमलवाची शब्द बनते हैं, जैसे, वरिज, नीरज, कंज आदि । २ . विशेषयह प्रायः संसार के सभी भागों में पाया जाता है । यह झीलों, तालाबों और गड़हों तक में होता है । यह पेड़ बीज से जमता है । रंग और आकार भेद से इसकी बहुत सी जातियाँ होती हैं, पर अधिकतर लाल, सफेद और नीले रंग के कमल देखे गए हैं । कहीं कहीं पीला कमल भी मिलता है । कमल की पेड़ी पानी में जड़ से पाँच छः अँगुल के ऊपर नहीं आती । इसकी पत्तियाँ गोल गोल बड़ी थाली के आकार की होती हैं और बीच के पतले डंठल में जड़ी रहती हैं । इन पत्तियों को पुरइन कहते हैं । इनके नीचे का भाग जो पानी की तरफ रहता है, बहुत नरम और हलके रंग का होता है । कमल चैत बैसाख में फूलने लगता है और सावन भादों तक फूलता है । फूल लंबे डंठल के सिरे पर होता है तथा डंठल या नाल में बहुत से महीन महीन छेद होता हैं । डंठल का नाल तोड़ने से महीन सूत निकलता है जिसे बटकर मंदिरों में जलाने का बत्तियाँ बनाई जाती हैं । प्राचीन काल में इसके कपड़े भी बनते थे । वैद्यक में लिखा है कि इस सूत के कपड़े से ज्वर दुर हो जाता है । कमल की कली प्रातः काल खिलती है । सब फूलों की पंखड़ियों या दलों का संख्या समान नहीं होती । पंखड़ियों के बीच में केसर से घिरा हुआ एक छत्ता होता है । कमल की गंध भौंरे को बड़ी प्यारी लगती है । मधुमक्खियाँ कमल के रस को लेकर मधु बनाती हैं जो आँख के राग के लिये उपकारी होता है । भीन्न भीन्न जाति कमल के फूलों की आकृतियाँ भीन्न भीन्न होती हैं । उमरा (अमेरिका) टापू में एक प्रकार का कमल होता है जिसके फुल का व्यास १५ इंच और पत्ते का व्यास साढ़े छह फुट होता है । पंखड़ियों के झड़ जाने पर छत्ता बढ़ने लगता है और थोड़े दिनों में उसमें बीच पड़ जाते हैं । बीच गोल गोल लंबोतरे होते हैं तथा पकने और सूखने पर काले हो जाते हैं और कमलगट्टा कहलाते हैं । कच्चे कमलगट्टे को लोग खाते हैं और उसकी तरकारी बनाते हैं, सूखे दवा के काम आते हैं । कमल की जड़ मोटी और सूराखदार होती हैं और भसीड़ मिस्सा या मुरार कहलाती है । इसमें से भी तोड़ने पर सूत निकलता है । सूखे दिनों में पानी कम होने पर जड़ अधिक मोटी और बहुतायत से होती है । लोग इस तरकारी बनाकर खाते हैं । अकाल के दिनों में गरीब लोग इसे सुखाकर आटा पीसते हैं और अपना पेट पालते हैं । इसके फूलों के अंकुर या उसके पूर्वरूप प्रारभिक दशा में पानी से बाहर आने से पहले नतम और सफेद रंग के होते हैं और पौनार कहलाते हैं । पौनार खाने में मिठा होता हैं । एक प्रकार का लाल कमल होता है जिसमें गंध नहीं होती और जिसके बीज से तेल निकलता है । रक्त कमल भारत के प्रायः सभी प्रांतों में मिलता है । इससे संस्कृत में कोफनद, रक्तोत्पल हल्लक इत्यादि कहते हैं । श्वेत कमल काशी के आसपास और अन्य स्थानों में होता है । इसे शतपत्र, महापद्म, नल, सीतांबुज इत्यादि कहते है । नील कमल विशेषकर कश्मीर के उत्तर और कहीं कहीं चीन में होता है । पीत कमल अमेरिका, साइबेरिया, उत्तर जर्मनी इत्यादि देशों में मिलता है ।

  • जल में पाया जाने वाला एक पौधा और उसका फूल; पद्म
  • कमल के आकार के एक पांसपिंड जो पेट में दाहिनी ओर होता है , क्लोमा
  • ब्रह्मा
  • जल , पानी

    उदाहरण
    . हृदयकमल नैनकमल, देखिकै कमलनैन, होहुँगी कमलनैन और हौं कहा कहौं ।

  • सारस
  • औषधि
  • ताँबा
  • [स्त्री॰ कमली] एक प्रकार का मृग
  • जल में उत्पन्न होने वाला एक पौधा जो अपने सुन्दर फूलों के लिए प्रसिद्ध है

    उदाहरण
    . बच्चे खेल-खेल में सरोवर से कमल उखाड़ रहे हैं ।

  • पानी में होने वाले एक पौधे का पुष्प जो बहुत ही सुन्दर होता है

    उदाहरण
    . कमल से सरोवर की शोभा बढ़ जाती है । . सरोवर में कई रंगों के कमल खिले हुए हैं ।

  • सारस
  • आँख का कोया , डेला
  • रक्त में पित्त वर्णक के जमा हो जाने से उत्पन्न एक रोग जिसमें त्वचा, आँख के श्वेतपटल, आदि पीले पड़ जाते हैं
  • कमल के आकार का पहल काटकर बना हुआ रत्नवंड ९
  • योनि के भीतर कमलाकार अँगूठे के अगले भाग बराबर एक गाँठ जिसके ऊपर एक छेज होता है , यह गर्भाशय का मुख या अग्रभाग है , फुल , धरन , टणा
  • १७. एक प्रकार का सम-वृत्त वणिक छन्द, जिसके प्रत्येक चरण में तीन सगण, एक नगण और एक गुरु वर्ण होता है
  • ध्रुवताल का दूसरा भेद जिसमें गुरु, लघु, द्रुत, द्रुतविराम, लघु और गुरु, यथाक्रम होते हैं , यथा—'धिधिकट धाकिट धिमि- धरि, थरकु गिड़ि गिड़ि, दिदिगन थों
  • उक्त फूल के आकार का एक मांस-पिंड जो पेट में दाहिनी ओर होता है, क्लोम
  • दीपक राग का दूसरा पुत्र , इसकी भार्या का नाम जयजयवंती है
  • जलाशयों में होनेवाला एक प्रसिद्ध पौधा तथा उसके फूल जो चौड़ी पंखुड़ियोंवाले तथा अति मनोहर और सुगंधित होते हैं, मुहा०-(किसी का) कमल खिलना = प्रसन्न होना
  • मात्रिक छंदो में छह मात्राओं का एक छंद जिसके प्रत्येक चरण में गुरु लघु गुरु लघु (ऽ, ऽ, ) होता है , जैसे, दीनबंधु , शील सिंधु
  • छप्पय के ७१ भेदों में से एक , इसमें ४३ गुरु, ६६ लघु, १०९ वर्ण और १५२ मात्राएँ होती हैं
  • एक प्रकार का वर्णवृत्त जिसका प्रत्येक चरण एक नगण का होता है , जैसे,—न वन, भजन, कमल, नयन
  • काँच का एक प्रकार का गिलास जिसमें मोमबत्ती जलाई जाती है
  • एक प्रकार का पित्त रोग जिसमें आँखें पीली पड़ जाती हैं और पेशाब भी पीला आता है , पीलू , कमला , काँवर
  • मूत्राशय , मसाना , मुतवर
  • शिर, मस्तक

    उदाहरण
    . गोयंदराज गहिलौत आइ । बैठो सुकुँअर कमलं नवाइ । . वेढ़ कमल लीधौ खग वाहे । . कर थापट फूटे कमल; नाखै नयणां नीर ।

कमल से संबंधित मुहावरे

  • कमल उलट जाना

    बच्चेदानी में गर्भाशय के मुँह का अपवर्तित हो जाना जिसमें स्त्रीयाँ वंध्या हो जाती हैं

  • कमल खिलना

    चित्त आनंदित होना

कमल के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक फूल जो पानी में होता है

कमल के कुमाउँनी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • सरोवर में होने वाला एक पौधा उक्त पौधे में होने वाला एक फूल, 'कमल का फूल' कुमुद, पंकज, 'कमल गट्टा' कमल की जड़ जो सब्जी के काम आती है

कमल के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • जल में पैदा होने वाला सुन्दर फूल

Noun, Masculine

  • lotus, a water plant & its flower. Nelumbo nucifera.

कमल के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • जलज, पुष्प, लक्ष्मी का आसन

कमल के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • सरोवर में होने वाला एक पौधा
  • उक्त पौधे पर होने वाला एक फूल

    उदाहरण
    . गिरिबर पर इक कमल ।

  • हठयोग के अनुसार शरीर के अन्दर के कुछ विशिष्ट स्थान जो चक्र कहे जाते; छ: मात्राओं का छंद विशेष ; छप्पय के भेद ; कामला रोग

कमल के मगही अर्थ

संज्ञा

  • कम्मल, कमरी, इस नाम का एक जलीय पौधा, पुरइन; उस पौधे का फूल

कमल के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • पुडइनिक फूल

Noun

  • lotus flower.

अन्य भारतीय भाषाओं में कमल के समान शब्द

पंजाबी अर्थ :

कौल - ਕੌਲ

कमल - ਕਮਲ

गुजराती अर्थ :

कमल, कमळ - કમલ, કમળ

उर्दू अर्थ :

कंवल - کنول

कोंकणी अर्थ :

कमळ

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