कपास

कपास के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

कपास के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Feminine

  • cotton
  • cotton-plant

कपास के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक पौधा जिसके ढोंढ़ (फल) से रुई निकलती है

    विशेष
    . इसके कई भेद हैं । किसी किसी के पेड़ ऊँचे और बड़े होते हैं, किसी का झाड़ होता है, किसी का पौधा छोटा होता है, कोई सदाबहार होता है, और कितने की काश्त प्रति वर्ष की जाती है । इसके पत्ते भी भिन्न भिन्न के आकार के होते है और फूल भी किसी का लाल, किसी का पीला तथा किसी का सफेद होता है । फूलों के गिरने पर उनमें ढेंढ़ लगते हैं, जिमनें रुई होता है । ढेंढों के आकार और रंग भिन्न भिन्न होते हैं । भीतर की रुई अधिकतर सफेद होती है, पर किसी किसी के भीतर की रुई कुछ लाल और मटमैली भी होती है और किसी की सफेद होती हैं । किसी कपास की रुई चिकनी और मुलायम और किसी की खुरखुरी होती है । रुई के बीच में जो बीज निकलते हैं वे बिनौले कहलाते हैं । कपास की बहुत सी जातियाँ है, जैसे, नरमा, नंदन, हिरगुनी, कील, वरदी, कटेली, नदम, रोजी, कुपटा, तेलपट्टी, खानपुरी इत्यादि ।

    उदाहरण
    . कपास की रुई बहुत ही उपयोगी है । . इस बार कपास की खेती अच्छी हुई है ।

कपास के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

कपास से संबंधित मुहावरे

कपास के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कपास के फूल के रंग का हल्के पीले रंग का

कपास के अवधी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • रुई

कपास के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक पौधा जिसके ढोंढ़े से रुई निकलती है

कपास के गढ़वाली अर्थ

कबास

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • कुछ विशेष पौधों के रेशे जो आग जलाने में सहायक होते हैं, रूई

Noun, Feminine

  • fibers of hemp and some plants which catch fire instantly, a type of cotton.

कपास के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • रूई,

कपास के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • एक प्रसिद्ध पौधे का फल जिससे रुई निकलती है

    उदाहरण
    . जब चोंच दई तो कपास लहा ।

अन्य भारतीय भाषाओं में कपास के समान शब्द

पंजाबी अर्थ :

कपाह - ਕਪਾਹ

गुजराती अर्थ :

रू - રૂ

कपास - કપાસ

उर्दू अर्थ :

कपास - کپاس

कोंकणी अर्थ :

कापूस

कापूसाचे झाड

सब्सक्राइब कीजिए

आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा