kapinjal meaning in hindi
कपिंजल के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
वर्षा और वसंत ऋतु में सुरीली ध्वनि में बोलने वाला एक पक्षी, चातक, पपीहा
उदाहरण
. कपिंजल स्वाति नक्षत्र की एक बूँद के लिए तरसते हैं। - गौरा पक्षी
- भरदूल, भरुही
- तीतर
- एक मुनि का नाम
- वर्षा और वसंत ऋतु में सुरीली ध्वनि में बोलने वाला एक पक्षी
-
एक ऋषि
उदाहरण
. कपिंजल का वर्णन पुराणों में मिलता है । - एक पक्षी जो लड़ाने के लिए और मांस के लिए पाला जाता है
- पपीहा; चातक
- गौरा या चटक
- भरदूल; भरुही
- तीतर
- एक प्राचीन मुनि
विशेषण
- हल्दी, केसर आदि के रंग का, पीला, पीले रंग का, हरताली रंग का
- हल्दी, केसर आदि के रंग का
कपिंजल के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएकपिंजल के ब्रज अर्थ
विशेषण, पुल्लिंग
- चातक , पपीहा ; गौरा पक्षी
- तीतर; एक प्राचीन मुनि का नाम
- पीले रंग का
कपिंजल के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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