karkaT meaning in braj
कर्कट के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- दे० 'कर्क' ; सारस विशेष ; घिया; कमल की जड़ , भसिंडा; तराजू की डंडी के सिरे जिसमें पलड़ों की रस्सियाँ बाँधी जाती हैं; सँड़सा ; वृत्त की त्रिज्या, ८. नृत्य में एक प्रकार का हस्तक
कर्कट के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- कैकडा
- कर्क राशि
- एक प्रकार का सारस , करकरा , करकरिया
- लौकी , घीआ
- कमल की मोटी जड़ , भसीड़ , तराज की डंडी का मुड़ा हुआ सिरा जिसमें पलड़े की रस्सी बंधी रहती है
- सँड़सा
- वुत्त की त्रिज्या ९
-
नृत्य में तेरह प्रकार के हस्तकों में से एक
विशेष
. दोनों हाथ की उँगलियाँ बाहर भीतर मिलाकर कड़काते हैं । यह क्रिया आलस्य या शंख बजाने का भाव दिखाने के लिये की जाती है ।
कर्कट के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएकर्कट के तुकांत शब्द
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