करुण

करुण के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

करुण के मैथिली अर्थ

विशेषण

  • हदयद्रावक, दुखद

Adjective

  • pathetic.

करुण के अँग्रेज़ी अर्थ

Adjective

  • touching
  • pathetic, tragic

करुण के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वह मनोविकार या दुःख जो दुसरों के दुःएख के ज्ञान से उत्पन्न होता है और दूसरे के दुःख को दूर करने की प्रेरणा करता है , दया
  • वह दुःख जो अपने प्रिय बंधु या इष्ट मित्र आदि के वियोग से उत्पन्न होता है , शोक

    विशेष
    . यह काव्य के नव रसों में से है । इसका आलंबन बंधु या इष्ट मित्र का वियोग, उद्दीपन मृतक का॰ दाह या वियुक्त पुरुष की किसी वस्तु का दर्शन या उसका दर्शन, श्रवण आदि तथा अनुभाव भाग्य की निंदा, ठंढी सांस निकलना, रोना पीटना आदि है । करुण रस के अधिष्ठाता वरुण माने गए हैं । ३

  • एक बुद्ध का नाम
  • परमेश्वर
  • कालिका पुराण के अनुसार एक तीर्थ का नाम
  • करना नीबू का पेड़
  • काव्य के नौ रसों में से तीसरा रस जिसका संचार वियोग, शोक आदि से उत्पन्न विकट दुःख के कारण होता है
  • बौद्ध धर्म के प्रवर्तक जिन्हें विष्णु भगवान का अवतार माना जाता है
  • धर्मग्रंथों द्वारा मान्य वह सर्वोच्च सत्ता जिसे सृष्टि का स्वामी माना जाता है

विशेषण

  • करुणायुक्त, दयार्द्र
  • जो दुख से भरा हो
  • जिसमें दया हो
  • करुणायुक्त
  • करुणा उत्पन्न करने वाला
  • करुणा से युक्त, करुणा से भरा हुआ, जैसे-करुण हृदय
  • जिसे देखकर करुणा आती हो, दुःखद, जैसे-करुण दृश्य, पु. १. साहित्य में नौ रसों में से एक जिसके अधिष्ठाता देवता वरुण कहे गये हैं, विशेष-मन में इस रस का संचार उस विकट दुःख के कारण होता है जो वियोग, शोक आदि से उत्पन्न होता है, इसका आलंबन वियोग, उद्दीपन वियुक्त व्यक्ति की किसी वस्तु का दर्शन या उसकी चर्चा और अनुभाव रोना-कलपना आदि कहे गये हैं; एक बुद्ध का नाम

करुण के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

करुण के ब्रज अर्थ

करुन

विशेषण

  • करुण , दयाद्र , करुणायुक्त
  • दुःखद

पुल्लिंग

  • साहित्य के नौ रसों में से एक
  • परमात्मा; करना नीबू या उसका वृक्ष

अन्य भारतीय भाषाओं में करुण के समान शब्द

पंजाबी अर्थ :

दरददिला - ਦਰਦਦਿਲਾ

करुण - ਕਰੁਣ

गुजराती अर्थ :

शोककारक - શોકકારક

साहित्यशास्त्रनो एक रस (करूण रस) - સાહિત્યશાસ્ત્રનો એક રસ (કરૂણ રસ)

उर्दू अर्थ :

दर्दनाक - دردناک

दर्द - درد

सोज़ - سوز

कोंकणी अर्थ :

दुखीत

साहित्याचो एक रस

करुण के तुकांत शब्द

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