kashaa meaning in braj
कशा के ब्रज अर्थ
स्त्रीलिंग
- दे० कश'
कशा के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- रस्सी
-
कोड़ा , चाबुक
विशेष
. चाबुक मारने के तीन प्रकार कहे गए हैं—मृदु, मध्य और निष्ठुर । साधारण नटखटी पर मृदु आघात होता है और अलफ होने या घोड़ी इत्यादि देखकर बिगड़ने पर मध्य या निष्ठुर आघात किया जाता है । भड़कने पर गरदन पर चाबुक लगाना चाहिए और घोड़ी देखकर हिनहिनाने या बिगड़ने पर कंधे पर चाबुक मारना चाहिए ।
कशा के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएकशा के मैथिली अर्थ
संज्ञा, आलंकारिक
- चाभुक
Noun, Classical
- whip.
कशा के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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