कषाय

कषाय के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत
  • अथवा - कसाय

कषाय के ब्रज अर्थ

विशेषण

  • दे० 'कसैला'

    उदाहरण
    . नखछत छार, कसाय कुचग्रह ।

कषाय के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • कसैला, कसैले स्वाद वाला, बाकठ

    विशेष
    . यह छह रसों में से एक है।

  • सुगंधित, खु़शबूदार
  • रँगा हुआ
  • गेरू के रंग का, गैरिक

    उदाहरण
    . कषाय वस्त्र।

  • मधुर स्वर वाला
  • अनुपयुक्त, अनुचित
  • गंदा

संज्ञा, पुल्लिंग

  • कसैली वस्तु
  • गोंद, वृक्ष का निर्यास
  • क्वाथ, गाढ़ा रस, काढ़ा
  • (वृक्ष) सोनापाढ़ा, श्योनाक
  • (जैन) क्रोध, लोभ आदि विकार, वे दुष्प्रवृत्तियाँ जो आत्मा को बंधन में डालती हैं

    उदाहरण
    . कषाय दोष।

  • कलयुग
  • अंगराग, लेप
  • उत्तेजना, भावावेश
  • मंदता, मूर्खता
  • सांसारिक पदार्थों के प्रति अनुरक्ति
  • गंदगी
  • विनाश, ध्वंस

कषाय के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

कषाय के मैथिली अर्थ

विशेषण

  • ओहन स्वादबाला जेहन सुपारीक होइत अछि

Adjective

  • astringent.

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