kavitt meaning in hindi
कवित्त के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
कविता , काव्य
उदाहरण
. निज कवित्त केहि लाग न नीका । -
दंडक के अंतर्गत 31 अक्षरों का एक वृत्त
विशेष
. इसमें प्रत्येक चरण में 8, 8, 8, 7 के विराम से 31 अक्षर होते हैं । केवल अंत में गुरु होना चाहिए, शेष वर्णो के लिये लघु गुरु का कोई नियम नहीं है । जहाँ तक हो, सम वर्ण के शब्दों का प्रयोग करें तो पाठ मधुर होता है । यदि विषम वर्ण के शब्द आएँ तो दो एक साथ हों । इसे मनहरन और घनाक्षरी भी कहते हैं । जैसे,—कूलन में, केलि में, कछारन में, कुंजन में, कयारिन में कलिन कलीन किलकंत है । कहै पझाकर परागन में, पौनहू में, पातन में, पिक में, पलासन पगंत है । द्वारे में, दिसान में दुनी में, देस देसन में, देखी दीप दीपन में, दीपत दिगंत है । बीथिन में, ब्रज में, नबेलिन में, बेलिन में, बनन में, बागन में, बगरयो बसंत है । —पद्माकर ग्रं॰, पृ॰ १६१ । ३ - छप्पय छंद का एक नाम
- (लाक्षणिक-अर्थ) कल्पना या अतिशयोक्तिपूर्ण कथन
कवित्त के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएकवित्त के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- a class of a particular meter in Hindi poetry, esp. Braj
- poetry, in general (arch.)
कवित्त के ब्रज अर्थ
कबित्त
- हृदय पर प्रभाव डालने वाला सरस एवं रमणीयार्थ प्रतिपादक पद्य , काव्य
पुल्लिंग
- एक वणिक छन्द
-
कविता, काव्य
उदाहरण
. पचि कीजै सरस कबित्त । - अक्षरों की एक वृत्ति
कवित्त के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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