कृपाण

कृपाण के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

कृपाण के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • तलवार
  • कटार
  • दंड़क वृत्त का एक भेद

    विशेष
    . यह छंद ३२ वर्णों का होता है । आठ आठ वर्णा पर यति होती है । इसमें ३१ वाँ वर्ण गुरु और ३२वाँ लघु होता है । यतियों पर अनुप्रासों का मिलान और अंत में 'निकार' का होना इस छंद की जान है । उ॰— चली ह्वँ कै विकराल, महा कालहू को काल, किये दोऊ दुग लाल, धाय रण समुहान । तहाँ लागे लहरान, निसिचरहू पराव, वहाँ कालिका रिसान, झुकि झारी किरपान ।

कृपाण के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

कृपाण के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • छोटी तलवार, कटार'

Noun, Masculine

  • adagger, a sword.

कृपाण के ब्रज अर्थ

कृपान

स्त्रीलिंग

  • तलवार

    उदाहरण
    . सूर रवि मम तेज तिच्छन कृपान में ।

  • कटार

कृपाण के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • तरुआरि, खड्ग

Noun

  • Sword.

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