ख के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

ख के मैथिली अर्थ

  • वर्णमालाक दोसर व्यञ्जन
  • 2nd consonant of alphabet.

ख के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun

  • the second consonant and the second member of the first pentad (i.e. कवर्ग) of the Devna:gri: alphabet
  • used in Sanskrit compound words to mean the sky (as खग, खगोल, etc)

ख के हिंदी अर्थ

संज्ञा

  • हिंदी वर्णमाला में स्पर्श व्यंजन के अंतर्गत कवर्ग का दूसरा अक्षर, यह महाप्राण है और इसका उच्चारण कंठ से होता है, क, ग, घ, और ङ इसके सवर्ण हैं

    उदाहरण
    . ख का उच्चारण कंठ से होता है।


संज्ञा, पुल्लिंग

  • गड्ढा, गर्त
  • खाली स्थान
  • निर्गम, निकास
  • शब्द, गुण से युक्त वह शून्य अनंत अवकाश जिसमें विश्व के सभी पदार्थ (सूर्य, चंद्र, ग्रह, उपग्रह आदि) स्थित हैं और जो सब पदार्थों में व्याप्त है और जिसे पंचमहाभूतों में से एक तत्व माना जाता है
  • खुले स्थान में ऊपर की ओर दिखाई देने वाला खाली स्थान
  • छेद, बिल
  • इंद्रिय
  • गले की वह नाली जिसमें प्राणवायु आती जाती है
  • कुआँ
  • तीर का घाव
  • गाड़ी के पहिए की नाभि का छेद जिसमें धुरा रहता है, आख्या,
  • आकाश, स्वर्ग, देवलोक
  • कर्म, क्रिया
  • जन्मकपंडली में दसवाँ स्थान
  • शून्य
  • बिंदु, सिफर
  • ब्रह्म
  • शब्द
  • अभ्रक,
  • मोक्ष, निर्वाण
  • नगर, शहर
  • समझ, बोध
  • झरना
  • कूप, कुआँ
  • सूर्य
  • क्षेत्र

ख के अंगिका अर्थ

ख:

  • हैय अंगिका वर्णमाला में स्पर्श व्यंजन केरों अंतर्गत कवर्ग रों दोसरों वर्ण छेकय। हेकरों उच्चारण स्थान कंठ छै

ख के कन्नौजी अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला के 'क' वर्ग का दूसरा व्यंजन वर्ण. इसका उच्चारण स्थान कंठ है

ख के कुमाउँनी अर्थ

  • निश्चय, पका, स्थिर निश्चय, पक्का भरोसा परिणाम (नेवा०)

संज्ञा

  • स्व स्व, स्व का तदुपरान्त ख, (ने०वृ० को०)स्वर् सिर→ख्वर, श्वसुर खुसुर

ख के गढ़वाली अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का दूसरा व्यंजन वर्ण
  • second consonant of the Devnagari alphabet.

ख के बुंदेली अर्थ

  • हिन्दी वर्णमाला देवनागरी लिपि के 'क वर्ग' का द्वितीय व्यंजन वर्ण, इसका उच्चारण स्थान कण्ठ्य है

ख के ब्रज अर्थ

  • नागरी वर्णमाला का द्वितीय व्यंजन

  • आकाश

    उदाहरण
    . जब धरती ख कपोत सब नटेदेखि ग्रिव भेख ।

  • शून्य स्थान ; गड्ढा; छिद्र; बिल ; निकास; श्वास नलिका , ८. इंद्रिय , ९. ब्रह्म, १०. मोक्ष

ख के मालवी अर्थ

  • मालवी एवं देवनागरी वर्णमाला का व्यंजन

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