khajuur meaning in kumaoni
खजूर के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- ताड़ जाति का एक वृक्ष जिससे ताढ़ी बनती है
- गुड, शक्कर और आटे की बनी मिठाई या पकवान
खजूर के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- date, date-palm
- a kind of sweetmeat
खजूर के हिंदी अर्थ
संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग
-
एक प्रकार का पेड़ जो गरम देशों, समुद्र के किनारे या रेतीले मैदानों में होता है
विशेष
. इस जाति के पेड़ सीधे खंभे की तरह ऊपर चले जाते हैं और उनके सिरे पर पत्तियाँ बहुत कड़ी, चार अंगुल से छह सात अंगुल तक लंबी, पतली और नुकीली होती हैं और एक सींके या छड़ी के दोनों ओर लगती हैं। पत्ते की यह छड़ी दो तीन हाथ तक लंबी होती है। खजूर कई प्रकार के होते हैं जिनमें मुख्य दो हैं- एक जंगली, दूसरा देशी। जंगली खजूर को सेंधी, खरक आदि कहते हैं। यह बहुत ऊँचा नहीं होता और हिंदुस्तान में बंगाल, बिहार, गुजरात, करमंडल आदि प्रदेशों में होता है। लगाए हुए खजूर में जड़ के पास अंकुर निकलते हैं, जंगली में नहीं। जंगली के फल भी किसी काम के नहीं होते। ताड़ की तरह इसमें से भी पाछकर एक प्रकार का सफेद रस या दूध निकालते हैं और उसे भी ताड़ी कहते हैं। खजूर की ताजी ताड़ी मीठी होती है और उससे गुड़ तथा सिरका भी बनाया जाता है। लगाए जाने वाले खजूर को पिंड खजूर कहते हैं। इसका पेड़साठ सत्तर हाथ ऊँचा होता है और जब छह वर्ष के ऊपर का हो जाता है, तब उसके नीचे जड़ के पास बहुत से छोटे-छोटे अंकुर निकलते हैं। इस प्रकार के खजूर सिंध, पंजाब गुजरात और दक्षिण में अधिक होते हैं। वहाँ इनकी खेती की जाती हैं। पौधें बीज से और जड़ के पास के अंकुरों से उत्पन्न किए जाते हैं। पेड़ लगाने के लिए बलुई, दोमट और मटियार सब प्रकार की भूमि काम में लाई जा सकती है? पर पृथिवी में खार का कुछ अंश अवश्य होना चाहिए। तीन तीन से छह वर्ष तक के अंकुर मुख्य पेड़ के पास से खोद लिए जाते हैं और उनकी बड़ी पत्तियाँ काटकर फेंक दी जाती हैं । फिर इन पौधों को तीन फुट गहरे और चौड़े गड्डों में दो ढाई सेर खली मिली हुई खाद के साथ बैठाते हैं। जब पौधा आठ वर्ष से अधिक पुराना होता है, तब वह फलने लगता है। माघ फागुन में बालियाँ निकलती हैं। ये बालियाँ पत्ते के आवरण में लिपटी रहती हैं और पीछे बढ़कर फूल की घौद हो जाती हैं। फल बड़े बड़े घौद में लगते है। जबतक फल पक नहीं जाते, बराबर अधिक पानी देने की आवश्यकता पड़ती है। फल पकने के समय पीले होते हैं। फिर फूल आते है और अंत में लाल हो जाते हैं। इन फलों को छुहारा कहते हैं। सिंधु में पेड़ के पके को खुरमा औऱ पकने के पहले तोड़े हुए फल को छुहारा कहते हैं। इनकी अनेक जातियाँ है, पर नूर आदि अच्छी मानी जाती है। खजुर की लकड़ी बँडेर के काम आती है और इससे पुल भी बनाया जाती है। इसकी पत्तियों के डंठल से घर छाए जाते है और उनकी छड़ी भी बनाई जाती है। इसकी छाल से एक प्रकार की लाल बुकनी निकलती है, जिससे 'चमड़ा रँगा जाता है इसकी छाल चमड़ा सिझाने के भी काम आती है। इससे एक प्रकार का गोंद भी निकलता है, जिसे 'हुकुमचिल' कहते हैं और जो दवा के लिए काम आता है। इसकी नरम पत्तियाँ, जिन्हे गाछी कहते है, सुखाकर रखी जाती है और उनकी तरकारी बनाई जाती है। इसकी छाल के रेशे से रस्सी बटी जाती है। अरब में इसके फूल की बाली आवरण से, जिसे 'तर' कहते हैं, एक प्रकार का गुलाब या केवड़े की तरह का अर्क निकाला जाता है। वैद्यक में इसका फल पुष्टिकारक, वृक्ष वातपित्तनाशक, कफघ्न रूचिकर और अग्निवर्धक माना गया है। -
एक प्रकार की मिठाई जो आटे घी और शक्कर मिलाकर गूँथकर बनाई जाती है, यह खाने में खसखसी और स्वादिष्ट होती है
उदाहरण
. खजूर गेहूँ के आटे से बनाई जाने वाली एक मिठाई है।
खजूर के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएखजूर के अंगिका अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक
संज्ञा, पुल्लिंग
- ताड़ की जाति का एक वृक्ष जिसके फल छोहारे के आकार के होते हैं, एक प्रकार की मिठाई
खजूर के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- ताड़ की जाति का एक पेड़ और उसका फल
खजूर के बज्जिका अर्थ
संज्ञा
- ताड़ की जाति का एक वृक्ष, एक प्रकार की मिठाई
खजूर के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- पिंड खजूर
खजूर के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
एक वृक्ष विशेष
उदाहरण
. राजत तृष जु रहे सदा, बहुरी कनक खजूर।
खजूर के मगही अर्थ
हिंदी ; संज्ञा, पुल्लिंग
- मैदे की एक प्रसिद्ध मिठाई, खजुरी
- ताड़ जैसा लंबा कांटेदार वृत्त वाला वृक्ष
खजूर के मैथिली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- एक फलवृक्ष जाहिसँ ताड़ी बहराइछ
Noun, Masculine
- date palm; Phoenix sylvestris.
खजूर के मालवी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- खजूर का पेड़।
खजूर के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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